जानिए महिलाओं में एस्ट्रोजन बढ़ाने के 7 नेचुरल तरीके

सारांश: महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन (estrogen level) का सही स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होता है। एस्ट्रोजन स्तर को बेहतर बनाने में कई प्राकृतिक उपाय मददगार साबित होते हैं। इसे बढ़ाने के लिए फायटोस्ट्रोजेन युक्त आहार जैसे सोयाबीन, फ्लैक्ससीड, नियमित योग और व्यायाम, वजन का संतुलन बनाए रखना, प्राकृतिक हर्ब्स जैसे अश्वगंधा, शतावरी, अच्छी नींद लेना, और हेल्दी फैट्स जैसे अखरोट, अलसी के तेल का सेवन किया जा सकता है।

अवलोकन:

महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन (estrogen) बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल पीरियड साइकिल (menstrual cycle) को नियंत्रित करता है, बल्कि हड्डियों की मजबूती (bone strength), त्वचा की चमक (skin glow), और मूड (mood) को भी संतुलित रखता है। एस्ट्रोजन की कमी (estrogen deficiency) से थकान (fatigue), मूड स्विंग्स (mood swings) , हॉट फ्लैशेस (hot flashes), नींद में परेशानी (trouble sleeping) और मासिक धर्म में अनियमितता (irregular periods) जैसे लक्षण हो सकते हैं।

आइए जानते हैं 7 प्राकृतिक तरीके से एस्ट्रोजन का स्तर कैसे बढ़ता है (how estrogen level increases)

1. फायटोस्ट्रोजेन युक्त आहार का सेवन करें Eat a Diet Rich in Phytoestrogens

फायटोस्ट्रोजेन (phytoestrogens) ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं जो शरीर में एस्ट्रोजन (estrogen) की तरह काम करते हैं। इनका नियमित सेवन हार्मोन संतुलन (hormonal balance) में मदद करता है।

क्या खाएं:

  • सोया प्रोडक्ट्स जैसे की टोफू (tofu), सोया दूध (soy milk), एडेमा बीन्स (edema beans)

  • अलसी (flaxseeds)

  • तिल (sesame seeds)

  • चना (chicken pea)

  • मसूर (lentils)

  • राजमा (kidney beans)

  • अनार (pomegranate)

  • सेब (apple)

  • गाजर (carrot)

कैसे फायदा होता है:

(सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल) डॉ. पुनिता अरोड़ा (Dr. Punita Arora),  सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ (one of the best gynaecologists in Gurgaon), मिराकल्स अपोलो क्रेडल गुड़गांव, कहती हैं,

“रोज़ाना (daily) 1-2 चम्मच पिसी हुई अलसी (flaxseeds) का सेवन शरीर में एस्ट्रोजन के रिसेप्टर्स (estrogen receptors) को एक्टिवेट (activate) करते हैं जो हार्मोन बैलेंस सुधारने (improve hormonal balance) में फायदेमंद हो सकता है, खासकर महिलाओं के लिए जो एस्ट्रोजन की कमी (estrogen deficiency) से जूझ रही हैं।'

2. वजन संतुलित रखें (Keep Weight Balanced)

अत्यधिक मोटापा (extreme obesity) या बहुत कम वजन (very low weight) दोनों ही एस्ट्रोजन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। शरीर की चर्बी (body fat) का संतुलन एस्ट्रोजन उत्पादन में मदद करता है।

क्या करें:

  • नियमित एक्सरसाइज करें

  • हेल्दी डाइट लें

  • अधिक जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचें

3. योग और ध्यान करें (Yoga and Meditation)

तनाव हार्मोन (cortisol) एस्ट्रोजन के स्तर को कम कर सकता है। योग और ध्यान शरीर और मन को शांत रखते हैं, जिससे हार्मोन बैलेंस बना रहता है।

लाभकारी योगासन:

  • भुजंगासन

  • तितली आसन

  • सर्वांगासन

  • प्राणायाम (अनुलोम-विलोम, भ्रामरी)

4. बीज चक्र अपनाएं (Seed Cycling) 

यह एक प्राकृतिक तरीका है जिससे महिलाओं की हार्मोनल हेल्थ को बैलेंस किया जा सकता है।

कैसे करें:

मासिक धर्म के पहले 14 दिनों तक अलसी (flaxseed) और कद्दू (pumpkin seeds) के बीज लें

अगले 14 दिनों में सूरजमुखी (sunflower) और तिल के बीज (sesame seeds) लें

लाभ:

बीजों में मौजूद लिग्नेंस (lignans) और फैटी एसिड (fatty acid) एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को बैलेंस करने में मदद करते हैं।

5. प्राकृतिक हर्ब्स का सेवन करें (Consume Natural Herbs)

कुछ आयुर्वेदिक (ayurvedic) और प्राकृतिक जड़ी-बूटियां (natural herbs) शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर (estrogen level) को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में सहायक होती हैं।

उपयोगी जड़ी-बूटियां:

  • शतावरी (asparagus)

  • अश्वगंधा (ashwagandha)

  • लाल क्लोवर (red clover)

  • डोंग क्वाई (dong quai)

ध्यान दें: 

इनका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।

6. सही नींद लें और स्क्रीन टाइम कम करें (Get Proper Sleep and Reduce Screen Time)

नींद की कमी से हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance) हो सकता है। नींद के दौरान शरीर हार्मोन का संतुलन बनाए रखता है।

क्या करें:

  • रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद लें

  • रात को जल्दी सोने और उठने की आदत बनाएं

  • मोबाइल और लैपटॉप से दूरी बनाएं

 7. हेल्दी फैट्स का सेवन करें (Consume Healthy Fats)

शरीर में अच्छे वसा (heahlthy fats) की मात्रा बढ़ाना एस्ट्रोजन निर्माण के लिए जरूरी होता है।

क्या खाएं:

  • एवोकाडो (avocado)

  • ओलिव ऑयल (olive oil)

  • नारियल तेल (coconut oil)

  • बादाम (almonds)

  • अखरोट (wallnut)

  • फिश ऑयल (fish oil) या ओमेगा-3 सप्लीमेंट (omega3 supplements)

एस्ट्रोजन की कमी के लक्षण Low Estrogen Symptoms

अगर आपके शरीर में एस्ट्रोजन कम है, तो ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  • बार-बार मूड बदलना (mood swings)

  • चिड़चिड़ापन (irritation)

  • थकावट (fatigue)

  • एनर्जी की कमी (low energy level)

  • नींद न आना (insomnia)

  • अनियमित पीरियड्स (irregular periods)

  • माहवारी का पूरी तरह बंद हो जाना (cessation of periods)

  • वजाइनल ड्राइनेस (vaginal dryness)

  • गर्मी लगना या पसीना आना (hot flashes)

  • सेक्स में इच्छा की कमी (low libido)

  • याददाश्त में कमी (loss of memory)

  • ध्यान केंद्रित न कर पाना (inability to concentrate)

  • हड्डियों में कमजोरी (osteoporosis)

  • बालों का झड़ना या पतले होना (hair loss or thinning)

  • स्किन का ड्राई होना (dry skin)

यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण लंबे समय से परेशान कर रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में एस्ट्रोजन की कमी है।

एस्ट्रोजन की कमी के कारण Low Estrogen Causes 

  • मेनोपॉज़ (menopause) या समय से पहले मेनोपॉज़ (premature menopause)

  • ओवरी हटाना (ovariectomy)

  • पीसीओडी / पीसीओएस (pcod/pcos)

  • अत्यधिक वर्कआउट (extreme workout)

  •  क्रैश डायटिंग (crash diet)

  • थायरॉइड समस्या (thyroid problem)

  • अधिक तनाव (excessive stress)

  • कुछ दवाइयाँ जैसे कीमोथेरेपी (chemotherapy)

कम एस्ट्रोजन स्तर का इलाज कैसे करें? How To Treat Low Estrogen?

अगर एस्ट्रोजन का स्तर बहुत कम है और नेचुरल उपाय पर्याप्त नहीं हैं, तो डॉक्टर द्वारा इलाज की सलाह दी जाती है। कम एस्ट्रोजन स्तर के उपचार में शामिल हो सकते हैं

  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone Replacement Therapy)

यह ट्रीटमेंट (treatment) खासकर मेनोपॉज़ (menopause) or ओवरी हटने (ovarian removal) के बाद दिया जाता है।  इसमें कृत्रिम एस्ट्रोजन (artificial estrogen) शरीर में पहुंचाया जाता है।इसे टैबलेट (tablets), जैल (gel), क्रीम (cream), पैच (patch) या इंजेक्शन (injection) के रूप में दिया जाता है।यह हॉट फ्लैशेस (hot flashes), वजाइनल ड्रायनेस (vaginal dryness) और मूड स्विंग्स (mood swings) जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। HRT शुरू करने से पहले ब्लड टेस्ट (blood test), फैमिली हिस्ट्री (family history) और मेडिकल कंडीशन (medical condition) की जांच जरूरी है।

  • एस्ट्रोजन युक्त क्रीम या सपोजिटरी (Estrogen Cream or Suppository)

यह वजाइनल ड्रायनेस (vaginal dryness) और जलन (burning sensation) से राहत देने में असरदार होती है। इसे सीधे वजाइना (vagina) में लगाया जाता है, जिससे यह केवल लोकल एरिया में ही प्रभाव डालती है। इसी कारण इसके साइड इफेक्ट्स (side effects) भी कम होते हैं।

  • ओरल एस्ट्रोजन टैबलेट (Oral Estrogen Tablets)

एस्ट्रोजन की कमी से होने वाले अन्य लक्षणों जैसे मूड स्विंग (mood swings), थकान (fatigue) और अनियमित पीरियड्स (irregular periods) में यह प्रभावी साबित होता है।

  • एस्ट्रोजन पैच (Estrogen Patch)

यह एक स्किन पैच (skin patch) होता है जिसे त्वचा पर चिपकाया जाता है। यह धीरे-धीरे एस्ट्रोजन को शरीर में पहुंचाता है और उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प साबित होता है जिनका पाचन तंत्र (digestive system) संवेदनशील होता है।

कब डॉक्टर से मिलना जरूरी है? When to Consult a Doctor?

यदि आपको लंबे समय से एस्ट्रोजन की कमी के लक्षण (low estrogen symptoms) महसूस हो रहे हैं, जैसे की  पीरियड मिस होना (missed period), बार-बार मूड चेंज होना (mood swings), वजाइनल ड्राईनेस (vaginal dryness) या अत्यधिक थकावट (excessive fatigue) तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है। हार्मोन जांच और विशेषज्ञ की सलाह से सही इलाज संभव है।

निष्कर्ष:

एस्ट्रोजन (estrogen) महिलाओं के लिए एक जरूरी हार्मोन है, जो कई शारीरिक और मानसिक क्रियाओं को संतुलित करता है। प्राकृतिक उपायों जैसे सही खानपान, योग, हर्ब्स और बीज चक्र अपनाकर आप इसके स्तर को बेहतर कर सकती हैं। नेचुरल तरीकों से एस्ट्रोजन को बढ़ाना न केवल सुरक्षित है, बल्कि शरीर के पूरे हार्मोन सिस्टम के लिए फायदेमंद भी है। लेकिन अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत किसी अच्छे स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। अगर आप भी एस्ट्रोजन की कमी से जुड़ी समस्याओं से जूझ रही हैं, तो आज ही मिराकल्स हेल्थकेयर में अपने नज़दीकी सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ (best gynaecologist near you) से परामर्श लें


Frequently Asked Questions

फायटोस्ट्रोजेन युक्त आहार, योग, ध्यान, बीज चक्र, और प्राकृतिक हर्ब्स का सेवन करें।

सोया प्रोडक्ट्स, अलसी, तिल, राजमा, अनार और सेब एस्ट्रोजन बढ़ाने में मदद करते हैं।

अनार (pomegranate) एस्ट्रोजन से भरपूर फल है।

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव कम करना और पर्याप्त नींद लेना जरूरी है।

मूड स्विंग्स, अनियमित पीरियड्स, थकान, और हॉट फ्लैशेस से पता चलता है।

एस्ट्रोजन पैच कम होने का स्पष्ट पता डॉक्टर के द्वारा हार्मोन टेस्ट से ही चलता है।

सोया, अलसी, तिल, दालें, और एवोकाडो जैसे हेल्दी फैट्स वाले खाद्य पदार्थ।

एस्ट्रोजन कमी से मेनोपॉज के लक्षण, ओस्टियोपोरोसिस, और हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है।