लिवर में फैट बढ़ने पर शरीर देता है ये 7 संकेत
Summary
लिवर हमारे शरीर का एक बेहद जरूरी अंग है जो पाचन, मेटाबॉलिज्म और शरीर से टॉक्सिन निकालने का काम करता है। लेकिन जब लिवर में ज्यादा मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है, तो यह फैटी लिवर (fatty liver) की समस्या बन जाती है। अगर इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह सिरोसिस या लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
इस ब्लॉग में हम लिवर के लक्षण और लिवर को स्वस्थ रखने के घरेलू उपायों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
फैटी लिवर के लक्षण (Fatty Liver Symptoms)
फैटी लिवर की समस्या धीरे-धीरे विकसित होती है और इसके शुरुआती चरण में अधिकतर लोगों को कोई विशेष परेशानी महसूस नहीं होती। लेकिन जैसे-जैसे लिवर में फैट जमा होता जाता है, शरीर कई संकेत देने लगता है। इन लक्षणों को पहचानना और समय रहते जांच करवाना बेहद जरूरी है ताकि स्थिति गंभीर न हो।
1. पेट में भारीपन या दर्द
फैटी लिवर का सबसे आम लक्षण (symptoms of fatty liver) है पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द या भारीपन महसूस होना। यह दर्द कभी-कभी हल्का दबाव या जलन जैसा भी हो सकता है। कुछ लोगों को झुकने या खाना खाने के बाद यह परेशानी ज्यादा महसूस होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लिवर पर फैट जमा होने से उसका आकार बढ़ जाता है और आसपास के अंगों पर दबाव पड़ने लगता है।
डॉ. दीपांशु खन्ना, वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (gastroenterologists in Gurgaon), मिरेकल्स अपोलो क्रैडल/स्पेक्ट्रा गुड़गांव, के अनुसार, “यदि पेट के दाईं ओर लगातार दर्द या भारीपन महसूस हो रहा है, तो इसे हल्के में न लें। यह फैटी लिवर का शुरुआती संकेत हो सकता है। ऐसे में समय रहते जांच करवाना और खानपान पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि शुरुआती अवस्था में ही इस स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है।”
2. लगातार थकान महसूस होना
जब लिवर फैट से भर जाता है, तो उसकी क्षमता शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में कम हो जाती है। इससे शरीर में एनर्जी का स्तर घटने लगता है और व्यक्ति हमेशा थका या कमजोर महसूस करता है। कई बार पर्याप्त नींद लेने के बाद भी शरीर सुस्त लगता है, जो लिवर की कार्यक्षमता कम होने का संकेत हो सकता है।
3. मतली या उल्टी की समस्या
लिवर का काम होता है भोजन को पचाने में मदद करना और हानिकारक तत्वों को शरीर से निकालना। जब लिवर में फैट जमा होता है, तो यह प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है, जिससे व्यक्ति को मतली, उल्टी या पेट फूलने जैसी समस्या होने लगती है। भोजन करने के बाद भारीपन या अपच महसूस होना भी इसका लक्षण हो सकता है।
4. भूख में कमी आना
फैटी लिवर होने पर लिवर सही तरीके से पित्त नहीं बना पाता, जिससे पाचन कमजोर हो जाता है। धीरे-धीरे व्यक्ति की भूख कम होने लगती है और पेट जल्दी भर जाता है। यह स्थिति लंबे समय तक रहने पर शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी और वजन घटने की समस्या भी पैदा कर सकती है।
5. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
लिवर जब ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं जो दिमाग के कामकाज को प्रभावित करते हैं। इससे व्यक्ति को ध्यान लगाने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन या मानसिक धुंध (brain fog) जैसी समस्या महसूस हो सकती है। यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो यह लिवर के खराब होने का संकेत हो सकता है।
6. त्वचा और आंखों का पीला पड़ना
यदि फैटी लिवर की समस्या बढ़ जाए और लिवर में सूजन आ जाए, तो त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ने लगता है। इसे जॉन्डिस कहा जाता है, जो लिवर में बाइल पिगमेंट बिलीरुबिन के बढ़ने से होता है। यह स्थिति बताती है कि लिवर को नुकसान पहुंच रहा है और तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
7. वजन या पेट का बढ़ना
लिवर में फैट जमा होने का सीधा असर शरीर के वजन और खासकर पेट के आकार पर पड़ता है। पेट का मोटापा बढ़ना या वजन का अचानक बढ़ना फैटी लिवर का एक प्रमुख संकेत है। कई बार व्यक्ति डाइट कंट्रोल के बावजूद वजन कम नहीं कर पाता क्योंकि लिवर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।
फैटी लिवर के घरेलू उपाय (Fatty Liver Home Remedies)
फैटी लिवर को शुरुआती अवस्था में सही खानपान और जीवनशैली अपनाकर नियंत्रित किया जा सकता है। नीचे बताए गए कुछ आसान घरेलू उपाय लिवर को प्राकृतिक रूप से हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं।
1. हरी सब्जियां और फल
ब्रोकली, पालक, लौकी, टमाटर, और सेब जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ लिवर से टॉक्सिन्स निकालने और फैट घटाने में मदद करते हैं।
2. योग और व्यायाम
नियमित योग और व्यायाम लिवर में जमा फैट को कम करने में मदद करते हैं। भुजंगासन, कपालभाति और तेज वॉक जैसे आसन लिवर की सेहत सुधारते हैं।
3. शराब और जंक फूड से परहेज
शराब, तले हुए भोजन और जंक फूड से लिवर पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। इनसे परहेज करना फैटी लिवर को कंट्रोल में रखने का सबसे आसान तरीका है।
4. ब्लैक टी
ब्लैक टी भी एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर की सूजन कम करते हैं और फैट जमा होने से रोकते हैं। दिन में एक कप बिना दूध और शक्कर वाली ब्लैक टी पीना लिवर हेल्थ के लिए लाभदायक होता है।
लिवर को हेल्दी रखने के लिए कुछ अतिरिक्त टिप्स
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दिन में पर्याप्त पानी पिएं ताकि टॉक्सिन्स शरीर से बाहर निकलें।
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मीठे और कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
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वजन नियंत्रित रखें और ओवरईटिंग से बचें।
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समय पर खाना खाएं और देर रात भोजन करने से बचें।
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हर छह महीने में लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
फैटी लिवर की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। शुरुआत में लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन समय पर ध्यान न देने पर यह लिवर सिरोसिस (liver cirrhosis) या लिवर फेल्योर जैसी गंभीर स्थितियों में बदल सकता है। इसलिए नीचे बताए गए संकेत दिखने पर फैटी लिवर के इलाज (fatty liver treatment) के लिए तुरंत अपने आस-पास के सर्वश्रेष्ठ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (gastroenterologists near you) से संपर्क करें
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लगातार थकान या कमजोरी महसूस होना
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पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या भारीपन
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त्वचा या आंखों का पीला पड़ना
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भूख में कमी या मतली की समस्या
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वजन में अचानक बदलाव
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मानसिक भ्रम या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
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त्वचा पर खुजली या रैशेज़ आना
निष्कर्ष:
फैटी लिवर (fatty liver) कोई मामूली समस्या नहीं है, लेकिन सही समय पर पहचाना और संभाला जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और नियमित व्यायाम से आप अपने लिवर को मजबूत और स्वस्थ रख सकते हैं। थोड़ी सी सावधानी और सही जीवनशैली अपनाकर आप फैटी लिवर को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं।
Frequently Asked Questions
फैटी लिवर से थकान, पेट में भारीपन, भूख में कमी, उल्टी, पेट फूलना और त्वचा या आंखों का पीला पड़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। समय न लेने पर यह सिरोसिस या लिवर फेल्योर जैसी गंभीर स्थितियों में बदल सकता है।
सबसे तेज़ तरीका है जीवनशैली में बदलाव करना, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, शराब और जंक फ़ूड से परहेज़ और अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए उपचार का पालन करना शामिल है। शुरुआती दौर में घरेलू उपचार काफ़ी कारगर होते हैं।
फैटी लिवर में दर्द या भारीपन आमतौर पर पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में महसूस होता है, क्योंकि लिवर इसी जगह स्थित होता है।
Grade 3 फैटी लिवर सबसे गंभीर होता है, जिसमें लिवर में अत्यधिक फैट जमा होता है और लिवर फंक्शन गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है, जो सिरोसिस या लिवर फेल्योर का कारण बन सकता है।
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