अर्थराइटिस में दर्द को कम करने के लिए 5 असरदार एक्सरसाइज

Summary

गठिया एक सामान्य समस्या है जो जोड़ों में दर्द और अकड़न ला सकती है। सही एक्सरसाइज और जीवनशैली में बदलाव इसके प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम जोड़ों की मजबूती बढ़ाते हैं और दर्द को नियंत्रित करते हैं। समय पर सही कदम उठाना लंबे समय तक बेहतर जोड़ स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।

क्या आपको अक्सर लगता है कि गठिया के कारण दर्द आपके जीवन का हिस्सा बन गया है? चलना और सीढ़ियाँ चढ़ना अब चुनौती जैसा लगने लगा है? चिंता की कोई बात नहीं। सही व्यायाम और जीवनशैली की छोटी-छोटी आदतें गठिया प्रबंधन (arthritis management) में मदद करती हैं और जोड़ों के दर्द को कम करने में प्रभावी साबित होती हैं।

आइए जानते हैं कुछ आसान लेकिन असरदार एक्सरसाइज, जो आपके जोड़ों की मजबूती बढ़ाकर  गठिया के दर्द (arthritis pain) को नियंत्रित करने में मदद करेंगी।

1. वॉटर थेरेपी या स्विमिंग

पानी में एक्सरसाइज करना अर्थराइटिस के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इसका कारण है पानी में शरीर का वजन कम हो जाना, जिससे जोड़ों पर दबाव कम होता है और दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा, पानी का हल्का दबाव जोड़ों में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और सूजन कम करने में मदद करता है।

वॉटर थेरेपी में पैदल चलना, तैरना या हल्की स्ट्रेचिंग शामिल की जा सकती है। यह न सिर्फ जोड़ों के लिए आरामदायक है, बल्कि आपके पूरे शरीर की मांसपेशियों को हल्का व्यायाम देती है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि सप्ताह में कम से कम 3-4 बार पानी में हल्की एक्सरसाइज करें, ताकि जोड़ों की मजबूती बनी रहे और दर्द में लंबे समय तक राहत मिल सके।

टिप: यदि स्विमिंग पूल उपलब्ध न हो तो आप घर पर ही बाल्टी या टब में हल्के पानी के व्यायाम कर सकते हैं, इससे भी लाभ होगा।

2. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज

रोजाना 5–10 मिनट स्ट्रेचिंग करने से जोड़ों की लचीलापन बढ़ती है और दर्द में कमी आती है। स्ट्रेचिंग से जोड़ों के आसपास की मांसपेशियां और लिगामेंट्स मजबूत होते हैं, जिससे जोड़ बेहतर काम करते हैं। यह गठिया के लिए व्यायाम (exercise for arthritis) का एक सरल लेकिन प्रभावी हिस्सा है।

Dr. Mohit Arora, Senior Orthopedist in Gurgaon at Miracles Apollo Cradle/Spectra, कहते हैं “गठिया में स्ट्रेचिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना सबसे आसान और असरदार तरीका है। यह जोड़ों की लचीलापन बढ़ाने के साथ-साथ दर्द और अकड़न को कम करने में मदद करती है। नियमित रूप से की जाने वाली स्ट्रेचिंग एक बेहतरीन विकल्प है, जो लंबे समय तक जोड़ों की मजबूती बनाए रखती है।”

कुछ आसान स्ट्रेचिंग:

  • हाथों और पैरों को धीरे-धीरे स्ट्रेच करना: इससे मांसपेशियां गर्म होती हैं और जोड़ों की गति बेहतर होती है।

  • गर्दन और कंधों को हल्का घुमाना: इससे कंधों और गर्दन के जोड़ों की अकड़न दूर होती है।

  • पैरों की उंगलियों को ऊपर-नीचे मोड़ना: यह घुटनों और टखनों की लचीलापन बढ़ाता है।

स्ट्रेचिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना आसान है और इसका प्रभाव धीरे-धीरे आपको महसूस होगा। खासकर सुबह उठने के बाद या सोने से पहले यह आदत जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है।

3. वॉकिंग

साधारण वॉकिंग अर्थराइटिस के मरीजों के लिए सबसे आसान और फायदेमंद एक्सरसाइज है। रोजाना 20–30 मिनट पैदल चलने से जोड़ों की गतिशीलता बढ़ती है और दर्द में आराम मिलता है।

वॉकिंग न केवल जोड़ों के लिए लाभकारी है बल्कि यह पूरे शरीर की सेहत के लिए भी जरूरी है। इससे रक्त संचार बेहतर होता है, वजन नियंत्रित रहता है और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार आता है। अगर आप पार्क में चलने की आदत डाल लें तो यह शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मन को भी तरोताजा रखता है।

टिप: वॉकिंग करते समय आरामदायक जूते पहनें और तेज गति से चलने से पहले हल्का वार्म-अप जरूर करें।

4. योग और प्राणायाम

योग और प्राणायाम अर्थराइटिस में सहायक होते हैं क्योंकि यह जोड़ों में लचीलापन लाते हैं और मानसिक तनाव को कम करते हैं। कुछ आसान योगासन जैसे:

  • व्रिक्शासन: संतुलन और मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाता है।

  • भुजंगासन: पीठ और कंधों में लचीलापन लाता है।

  • वज्रासन: जोड़ों में आराम और रक्त संचार में सुधार करता है।

प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे मांसपेशियां आराम महसूस करती हैं और दर्द कम होता है। रोजाना कुछ मिनट योग और प्राणायाम करने से न केवल अर्थराइटिस में आराम मिलता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

टिप: शुरुआत में आसान योगासन सीखने के लिए योग प्रशिक्षक की मदद लें, ताकि आप सही तरीके से अभ्यास कर सकें।

 5. मांसपेशियों को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज

अर्थराइटिस में जोड़ों को सहारा देने के लिए मांसपेशियों की मजबूती बेहद जरूरी है। हल्के वजन वाली एक्सरसाइज से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जोड़ों पर दबाव कम होता है। इसके लिए फिटनेस बैंड या हल्के डम्बल का उपयोग किया जा सकता है।

इस तरह की एक्सरसाइज से मांसपेशियां न केवल मजबूत होती हैं बल्कि जोड़ों में सहनशीलता भी बढ़ती है, जिससे लंबे समय तक दर्द नियंत्रित रहता है। इसे अपने व्यायाम दिनचर्या में शामिल करने से जोड़ों की ताकत में सुधार आता है और रोजमर्रा की गतिविधियां आसान हो जाती हैं।

टिप: शुरुआत में हल्का वजन ही लें और धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं, ताकि जोड़ों पर ज्यादा दबाव न पड़े।

जीवनशैली में बदलाव

एक्सरसाइज के साथ जीवनशैली में बदलाव भी अर्थराइटिस के दर्द को कम करने में मदद करता है। कुछ महत्वपूर्ण बदलाव:

  • संतुलित आहार: हरी सब्जियां, फल, ओमेगा-3 युक्त आहार जैसे मछली, अखरोट, अलसी के बीज शामिल करें।

  • वजन नियंत्रण: अधिक वजन जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है, इसलिए वजन संतुलित रखें।

  • पर्याप्त आराम: दिनभर के काम में बीच-बीच में आराम करें, जिससे जोड़ों को पुनः ऊर्जा मिल सके।

  • सही मुद्रा: बैठते और चलते समय सही पोस्चर अपनाएं, ताकि जोड़ों पर अनावश्यक दबाव न पड़े।

इन छोटे बदलावों से अर्थराइटिस के दर्द में लंबे समय तक राहत मिल सकती है।

एक्सरसाइज करते समय ध्यान रखें

अर्थराइटिस में एक्सरसाइज सही तरीके से करना बहुत जरूरी है। गलत अभ्यास से दर्द बढ़ सकता है। ध्यान दें:

  • एक्सरसाइज से पहले हल्का वार्म-अप करें

  • दर्द बढ़ने पर रोक दें

  • धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से करें

  • पर्याप्त पानी पिएं

  • आरामदायक कपड़े और सही जूते पहनें

अर्थराइटिस में एक्सरसाइज क्यों जरूरी है?

कई बार लोग सोचते हैं कि जोड़ दर्द होने पर आराम करना ही सबसे बेहतर उपाय है। लेकिन हल्की और नियंत्रित एक्सरसाइज से जोड़ों की मजबूती बढ़ती है, दर्द कम होता है और शरीर में लचीलापन आता है।

एक्सरसाइज करने से:

  • जोड़ों की गतिशीलता बेहतर होती है

  • मांसपेशियों में ताकत आती है

  • सूजन और दर्द में कमी आती है

  • शरीर का संतुलन और सहनशीलता बढ़ती है

डॉक्टर से कब मिलें?

अगर नियमित एक्सरसाइज करने के बावजूद जोड़ों में दर्द, सूजन या कमजोरी बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। समय पर इलाज और सही एक्सरसाइज योजना जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। अपने जोड़ों के दर्द और सूजन को कंट्रोल करने के लिए देर न करें, आज ही मिराकल्स हेल्थकेयर में अपने आस-पास के सबसे अच्छे ऑर्थोपेडिस्ट (best orthopedist near you) से मिलें और अपने लिए सही व्यायाम योजना बनाएँ। अभी अपॉइंटमेंट बुक करें!

निष्कर्ष:

गठिया को कंट्रोल करना अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि आपके बेहतर जीवन का रास्ता है। सही एक्सरसाइज, संतुलित आहार और हेल्दी जीवनशैली अपनाकर आप दर्द को कम कर सकते हैं और जोड़ों को फिर से मजबूत बना सकते हैं। अगर आपको अर्थराइटिस है, तो शुरुआत आज ही करें और अपने कल को दर्द-मुक्त, सक्रिय और खुशहाल बनाएं!


Frequently Asked Questions

हल्की स्ट्रेचिंग, वॉकिंग, योग और पानी में एक्सरसाइज गठिया के लिए असरदार हैं।

वॉटर थेरेपी, स्ट्रेचिंग, साइक्लिंग और वॉकिंग कम असर डालने वाली और सुरक्षित एक्सरसाइज हैं।

हल्की एक्सरसाइज, गर्म सेक, और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयां दर्द में तेजी से आराम दे सकती हैं।

रूमेटाइड अर्थराइटिस का पूर्ण इलाज मुश्किल है, लेकिन समय पर सही इलाज, दवाइयां और जीवनशैली बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

ज्यादा तैलीय, प्रोसेस्ड और चीनी युक्त भोजन से बचें और अधिक फलों, सब्जियों और ओमेगा-3 युक्त आहार लें।

हाँ, अगर आपको लैक्टोज़ इंटॉलरेंस नहीं है तो दूध और डेयरी उत्पाद कैल्शियम और प्रोटीन के लिए लाभकारी हैं।

हाँ, केले में पोटैशियम और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया में सहायक हो सकते हैं।

मिरेकल्स हेल्थकेयर के डॉ. मोहित अरोड़ा एक अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं जो गठिया के उपचार में विशेषज्ञ हैं। वे आधुनिक तरीके और व्यक्तिगत देखभाल से जोड़ों का स्वास्थ्य बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यहाँ सही टेस्ट और आपके लिए खास एक्सरसाइज प्लान बनाकर गठिया का असर कम किया जाता है।