तेज बुखार में बच्चे की स्पॉन्जिंग: डॉक्टर की सलाह से जानें क्या करें और क्या नहीं

Summary

बदलते मौसम में छोटे बच्चों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। कमजोर इम्यूनिटी की वजह से वे जल्दी बुखार और वायरल इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे समय में माता-पिता को बच्चों की देखभाल में खास सतर्कता बरतनी चाहिए। हल्का बुखार होने पर घर पर राहत के उपाय किए जा सकते हैं, लेकिन तेज बुखार या अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ताकि बच्चे को सही और समय पर उपचार मिल सके।

जैसे ही मौसम बदलता है, छोटे बच्चों की तबीयत सबसे पहले बिगड़ती है। इसकी वजह है उनकी कमजोर इम्यूनिटी, जो अचानक तापमान में आए बदलाव को झेल नहीं पाती। ऐसे में बच्चे जल्दी वायरल इंफेक्शन, खांसी-जुकाम या तेज बुखार की चपेट में आ जाते हैं। कई बार तो बुखार इतना बढ़ जाता है कि दवाई का असर भी देर से होता है। ऐसी स्थिति में अधिकतर माता-पिता बुखार कम करने के लिए बच्चों के शरीर को ठंडे या गुनगुने पानी से स्पंज बाथ (sponge bath) कराते हैं ताकि बुखार कम हो सके। लेकिन क्या आप जानते हैं, थोड़ी सी लापरवाही स्पॉन्जिंग के दौरान बच्चे की तबीयत को और बिगाड़ सकती है?

तेज बुखार में बच्चे को स्पंज करते समय इन 5 गलतियों से जरूर बचें (5 Mistakes to Avoid While Sponging Your Child with High Fever)

1. बहुत ठंडे पानी का इस्तेमाल करना

कई माता-पिता यह सोचकर बर्फ वाला ठंडा पानी इस्तेमाल करते हैं कि इससे बुखार जल्दी उतर जाएगा। लेकिन ऐसा करना बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

डॉ. राहुल अग्रवाल वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ (pedaitrician in Gurgaon), मिरेकल्स अपोलो क्रेडल, गुड़गांव के अनुसार, “ठंडे पानी या बर्फ से स्पॉन्जिंग करने पर बच्चे के शरीर को सडन टेम्परेचर शॉक लग सकता है। इससे शरीर की ऊपरी परत तो ठंडी हो जाती है, लेकिन अंदर का तापमान और बढ़ने लगता है, जिससे बुखार और तेज हो सकता है।”

क्या करें:

स्पंज बाथ (sponge bath) के लिए हमेशा गुनगुने या सामान्य तापमान वाले पानी पानी का इस्तेमाल करें। इससे तापमान धीरे-धीरे नियंत्रित होता है और बच्चे को ठंड भी नहीं लगती।

2. सिर या चेहरे पर पानी डालना

कई लोग बुखार कम करने के लिए बच्चे के सिर पर सीधे पानी डाल देते हैं, जो खतरनाक हो सकता है। ऐसा करने से बच्चे को सर्दी लगना (cold), चक्कर आना या उल्टी (vometing) जैसी समस्या हो सकती है।

क्या करें:

  • पानी सीधे सिर पर न डालें।

  • स्पॉन्जिंग करते वक्त गर्दन, बगल, हाथ, पैर और जांघों को हल्के हाथों से पोंछें।

  • चेहरे को केवल गीले कपड़े से हल्के से पोंछें, पानी डालने से बचें।

3. बहुत देर तक स्पॉन्जिंग करना

कभी-कभी माता-पिता सोचते हैं कि बुखार में जितनी देर स्पॉन्जिंग (sponging in fever) करेंगे, उतना जल्दी बुखार उतरेगा। लेकिन लंबे समय तक गीले कपड़े से पोंछने से बच्चे को ठंड लग सकती है और शरीर कांपने लगता है।

क्या करें:

  • स्पॉन्जिंग 10 से 15 मिनट तक ही करें।

  • अगर बुखार दोबारा बढ़े तो कुछ घंटे बाद दोबारा कर सकते हैं।

4. गीले कपड़ों में बच्चे को छोड़ देना

यह एक बहुत आम गलती है। स्पॉन्जिंग के बाद कई बार बच्चे के कपड़े गीले रह जाते हैं, जिससे ठंड लगने या जुकाम का खतरा बढ़ जाता है।

क्या करें:

  • स्पॉन्जिंग खत्म होते ही बच्चे को सूखे और हल्के कपड़े पहनाएं।

  • बच्चे को तुरंत तौलिये से पोंछकर सुखाएं और कमरे का तापमान सामान्य रखें।

5. सिर्फ स्पॉन्जिंग पर भरोसा करना

स्पंज स्नान प्रक्रिया (sponge bath procedure) बुखार को कम करने का एक अस्थायी उपाय मात्र है, इलाज नहीं। अगर बच्चे का तापमान 102°F से ज्यादा है या बुखार 2 दिनों से अधिक बना हुआ है, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

कभी-कभी तेज बुखार डेंगू, टाइफाइड या अन्य इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।

क्या करें:

  • बच्चे का तापमान हर 3–4 घंटे में चेक करें।

  • डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा समय पर दें।

  • अगर बच्चा बहुत छोटा है (3 महीने से कम), तो बिना डॉक्टर की सलाह स्पॉन्जिंग न करें।

सही तरीके से स्पॉन्जिंग कैसे करें? How to do Sponging in Fever?

  • बच्चे को हल्के कपड़े पहनाएं

  • कमरे का तापमान सामान्य रखें (बहुत ठंडा न हो)

  • गुनगुने पानी में मुलायम कपड़ा भिगोकर निचोड़ें

  • शरीर के हाथ, पैर, बगल, गर्दन और जांघों को पोंछें

  • स्पॉन्जिंग खत्म होते ही बच्चे को सुखाकर सूखा कपड़ा पहनाएं

डॉक्टर से संपर्क कब करें

अगर बच्चे में नीचे दिए गए लक्षण दिखें, तो घर पर इलाज न करें

  • तापमान 104°F से अधिक हो

  • बच्चा बार-बार सुस्त या बेहोश जैसा लगे

  • उल्टी, दस्त या दौरे आएं

  • सांस लेने में कठिनाई हो

  • बच्चा बहुत छोटा (3 महीने से कम) हो

निष्कर्ष:

तेज बुखार में स्पॉन्जिंग एक बहुत ही प्रभावी घरेलू उपाय है, जो बच्चे के शरीर का तापमान धीरे-धीरे कम करने में मदद करता है। लेकिन ध्यान रहे, इसे करने का तरीका अगर गलत हो जाए, तो यह राहत देने के बजाय बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। बहुत ठंडे पानी का इस्तेमाल करना, बच्चे को लंबे समय तक गीला रखना या सिर पर सीधा पानी डालना जैसी गलतियां बच्चे की स्थिति को और खराब कर सकती हैं।

इसलिए हमेशा गुनगुने या सामान्य तापमान वाले पानी का उपयोग करें, बच्चे को स्पॉन्जिंग के बाद तुरंत सूखे और हल्के कपड़े पहनाएं, और उसके शरीर का तापमान नियमित रूप से जांचते रहें। यदि बुखार लगातार बढ़ता रहे या बच्चे में कमजोरी, सुस्ती, उल्टी या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखें तो बिना देर किए अपने नजदीकी शिशु रोग विशेषज्ञ (pediatrician near you) से संपर्क करें।

याद रखें, बच्चों का शरीर नाजुक होता है और तेज बुखार कभी-कभी गंभीर संक्रमण का संकेत भी हो सकता है। समय पर सही सलाह और इलाज से आप अपने बच्चे को जल्दी स्वस्थ कर सकते हैं और किसी भी गंभीर स्थिति से बचा सकते हैं।


Frequently Asked Questions

अगर बुखार दवा या स्पॉन्जिंग से भी नहीं उतर रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें क्योंकि यह किसी गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है।

गुनगुने पानी में मुलायम कपड़ा भिगोकर बच्चे के हाथ, पैर, बगल और गर्दन को हल्के से पोंछें और 10–15 मिनट तक स्पॉन्जिंग करें।

104°F या उससे अधिक बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बच्चे को ठंडे वातावरण में रखें, दवा समय पर दें।

अगर बच्चा दवा नहीं ले रहा, तो डॉक्टर से वैकल्पिक रूप (जैसे सिरप या सपोसिटरी) के बारे में पूछें और जबरदस्ती न करें।

बच्चे के सिर पर गुनगुने पानी की पट्टी रखें, शरीर की हल्की स्पॉन्जिंग करें और तापमान नियमित रूप से जांचते रहें।