फूड पॉइजनिंग होने पर तुरंत क्या करें?

Summary

फूड पॉइजनिंग एक ऐसी स्थिति है जिसमें दूषित या अस्वच्छ भोजन के सेवन से बैक्टीरिया, वायरस या टॉक्सिन्स शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे उल्टी, दस्त, पेट दर्द और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। शरीर में पानी और लवण की कमी न होने देना इस दौरान बेहद जरूरी होता है। हल्का और सुपाच्य भोजन, पर्याप्त आराम और हाइड्रेशन रिकवरी में मदद करते हैं।

कभी-कभी बाहर का स्वादिष्ट खाना या घर का बासी भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए भारी पड़ सकता है। अगर खाना साफ-सफाई से न बनाया गया हो या ठीक से स्टोर न किया गया हो, तो उसमें हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस या टॉक्सिन्स पनप सकते हैं। ऐसे दूषित भोजन के सेवन से फूड पॉइजनिंग (food poisoning) हो जाती है। यह एक आम लेकिन कभी-कभी गंभीर स्थिति बन सकती है, जो समय पर ध्यान न देने पर डिहाइड्रेशन, पेट दर्द, उल्टी और कमजोरी जैसी परेशानियां पैदा कर सकती है। इसलिए अगर आपको या आपके किसी परिजन को फूड पॉइजनिंग के लक्षण (food poisoning symptoms) महसूस हों, तो घबराएं नहीं।

जानिए फूड पॉइजनिंग होने पर तुरंत क्या करें और कैसे आप कुछ आसान उपायों से जल्दी राहत पा सकते हैं।

1. हाइड्रेटेड रहें

फूड पॉइजनिंग के दौरान शरीर से पानी और लवण (salts) तेजी से बाहर निकल जाते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन (dehydration) हो सकता है। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। दिनभर में बार-बार पानी, ORS (ओआरएस), नारियल पानी, छाछ या पतला नींबू पानी पीते रहें। ये शरीर में जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करते हैं और कमजोरी से बचाते हैं। अगर लगातार उल्टी या दस्त हो रहे हों, तो छोटे-छोटे घूंट में तरल पदार्थ लेते रहें ताकि शरीर उन्हें आसानी से सोख सके।

गुड़गांव में मिरेकल मेडिक्लिनिक के वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (gastroenterologist in Gurgaon) डॉ. दीपनाशु खन्ना कहते हैं, “फूड पॉइजनिंग में मरीज अक्सर खाना खाने से डरने लगते हैं और तरल पदार्थ भी कम लेते हैं, जिससे हालत और बिगड़ सकती है। ऐसे में सबसे पहले शरीर में पानी और नमक की कमी पूरी करना बेहद जरूरी है। अगर उल्टी या दस्त लगातार हो रहे हों, तो छोटे-छोटे घूंट में तरल पदार्थ लेते रहें ताकि शरीर उन्हें आसानी से सोख सके।”

2. पर्याप्त आराम करें

फूड पॉइजनिंग (food poisoning) में शरीर कमजोर हो जाता है क्योंकि संक्रमण से लड़ने में बहुत ऊर्जा खर्च होती है। इसलिए खुद को पर्याप्त आराम दें। किसी भी तरह की थकाने वाली गतिविधि, जैसे घर का काम, ऑफिस वर्क या एक्सरसाइज से कुछ समय के लिए दूरी बनाएं। आराम करने से शरीर को रिकवर होने और इम्यून सिस्टम (immune system) को बैक्टीरिया या वायरस से लड़ने की शक्ति मिलती है।

3. हल्का और सादा भोजन खाएं

जब फूड पॉइजनिंग के लक्षण जैसे उल्टी और दस्त कम होने लगें, तो धीरे-धीरे हल्का और सुपाच्य खाना शुरू करें। ऐसे समय पेट पर ज्यादा दबाव डालने वाले या मसालेदार भोजन से बचना चाहिए।

आप निम्नलिखित भोजन ले सकते हैं:

  • खिचड़ी या दलिया

  • टोस्ट, सूप या स्टीम्ड सब्ज़ियां

  • केला या उबला आलू

  • दही-चावल या मूंग दाल का सूप

इन खाद्य पदार्थों में फाइबर कम और पचने में आसान तत्व होते हैं, जिससे पेट को आराम मिलता है। तेल, मसाले, तले-भुने और भारी भोजन से तब तक परहेज करें जब तक आप पूरी तरह ठीक न हो जाएं।

4. डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें

कई बार लोग जल्दी ठीक होने के लिए खुद से एंटीबायोटिक (antibiotics) या दस्त रोकने वाली दवाएं ले लेते हैं, लेकिन ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है। कुछ संक्रमणों में दस्त शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का तरीका होता है। अगर इन्हें रोक दिया जाए, तो संक्रमण अंदर रह सकता है और स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। अगर लक्षण 24–48 घंटे में कम न हों या बुखार बढ़ने लगे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

5. कैफीन और अल्कोहल से दूरी रखें

फूड पॉइजनिंग के दौरान शरीर पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहा होता है, और ऐसे में कैफीन (कॉफी, चाय) तथा अल्कोहल शरीर में डिहाइड्रेशन को और बढ़ा देते हैं। ये पेय पदार्थ मूत्र की मात्रा बढ़ाते हैं, जिससे शरीर और कमजोर हो सकता है। इसलिए पूरी तरह इनसे परहेज करें और केवल पानी, नारियल पानी या हर्बल ड्रिंक का सेवन करें। इससे शरीर जल्दी रिकवर होगा और पेट पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि नीचे दिए गए लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • लगातार उल्टी या दस्त 2 दिनों से ज्यादा चल रहे हों

  • मल में खून या काला रंग दिखे

  • बहुत अधिक बुखार (102°F से ज्यादा)

  • तेज पेट दर्द या ऐंठन

  • पेशाब बहुत कम या न आना

  • बुजुर्ग, गर्भवती महिला या छोटे बच्चे को फूड पॉइजनिंग हुई हो

यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई दें, तो देर न करें, फूड पॉइजनिंग के इलाज (food poisoning treatment) के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष:

फूड पॉइजनिंग (food poisoning) को हल्के में लेना सही नहीं है। यह सिर्फ एक दिन की उल्टी-दस्त की समस्या नहीं, बल्कि शरीर में डिहाइड्रेशन और पोषण की कमी का कारण भी बन सकती है। अगर शुरुआत में ही सही कदम उठाए जाएं, तो कुछ ही दिनों में राहत मिल सकती है। ध्यान रखें, सेहतमंद रहने की शुरुआत साफ-सुथरे खाने से होती है। हमेशा ताज़ा और हाइजीनिक खाना खाएं, पानी उबालकर या फिल्टर करके पिएं और भोजन को ढककर रखें। यदि लक्षण लम्बे समय तक बने रहें या बिगड़ जाएं तो तुरंत अपने नजदीकी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (gastroenterologist near you) से परामर्श लें।


Frequently Asked Questions

हल्का और सादा खाना खाएं, खूब पानी या ORS पिएं, और नींबू-अदरक का सेवन करें। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लेकर दवा लें।

अधिकतर मामलों में फूड पॉइजनिंग 1 से 3 दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन गंभीर संक्रमण में यह 5 से 7 दिन तक रह सकती है।

फूड पॉइजनिंग आमतौर पर दूषित खाना खाने के कुछ घंटों में होती है, जबकि पेट का वायरस (stomach flu) धीरे-धीरे फैलता है और दूसरों को भी लग सकता है।

हल्का पेट संक्रमण 2 से 5 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन गंभीर मामलों में एक हफ्ता भी लग सकता है।

हाँ, अगर पके हुए चावल लंबे समय तक कमरे के तापमान पर रखे जाएं तो उनमें Bacillus cereus नामक बैक्टीरिया पनप सकता है, जिससे फूड पॉइजनिंग हो सकती है।