प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड शुगर कम करने के 7 असरदार घरेलू उपाय

Summary

प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड शुगर बढ़ना मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है। संतुलित आहार, नियमित हल्की एक्सरसाइज, पर्याप्त पानी का सेवन और तनाव पर नियंत्रण रखकर इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। लो-ग्लाइसेमिक फूड्स, मेथी-दालचीनी जैसे प्राकृतिक उपाय और फाइबर युक्त भोजन ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करते हैं। साथ ही, डॉक्टर की नियमित सलाह और मॉनिटरिंग से गर्भावस्था स्वस्थ और सुरक्षित बनी रहती है।

प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड शुगर बढ़ना (gestational diabetes) कई महिलाओं के लिए एक आम लेकिन गंभीर स्थिति हो सकती है। यह स्थिति आमतौर पर प्रेगनेंसी के दूसरे या तीसरे ट्राइमेस्टर में होती है और भारत में लगभग हर 10 में से 1 महिला को प्रभावित करती है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो इससे बच्चे का वजन अधिक होना, प्री-टर्म डिलीवरी, हाई ब्लड प्रेशर, और सी-सेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। यह स्थिति तब होती है जब शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। अगर इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए जटिलताएँ बढ़ा सकता है।

लेकिन  कुछ साधारण घरेलू उपायों और संतुलित आहार (gestational diabetes foods) के जरिए आप ब्लड शुगर को सुरक्षित सीमा में रख सकती हैं। 

आइए जानते हैं 7 असरदार और प्राकृतिक उपाय जो आपकी प्रेगनेंसी को सेहतमंद बना सकते हैं।

1. भोजन को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर खाएं

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम हो सकता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता या घटता है। अगर आप दिन में सिर्फ 2 या 3 बार भारी खाना खाती हैं, तो शरीर में एक साथ ज्यादा ग्लूकोज पहुंच जाता है, जिससे ब्लड शुगर अचानक बढ़ सकता है। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दिनभर में 5 से 6 बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन लेना बेहतर होता है। यह तरीका ब्लड शुगर को संतुलित रखता है और शरीर को लगातार ऊर्जा प्रदान करता है।

जब आप थोड़ी-थोड़ी देर में खाना खाती हैं, तो शरीर को पोषक तत्व धीरे-धीरे मिलते हैं और ब्लड शुगर स्थिर रहता है। यह न केवल आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है, बल्कि ऊर्जा के स्तर को भी बनाए रखता है।

उदाहरण के लिए:

  • सुबह का नाश्ता: ओट्स, वेजिटेबल उपमा, अंडा या दही के साथ मूंग चीला।

  • मिड-मॉर्निंग स्नैक: सेब, अमरूद, अखरोट या बादाम।

  • दोपहर का भोजन: ब्राउन राइस, दाल, सब्जी और दही।

  • शाम का नाश्ता: स्प्राउट सलाद या भुने चने।

  • रात का भोजन: हल्की सब्जी और रोटी या सूप।

महत्वपूर्ण सुझाव:

रात का भोजन हमेशा हल्का और सोने से 2 घंटे पहले लें ताकि ब्लड शुगर रातभर संतुलित रहे।

डॉ. हरप्रीत कौर, मिरैकल्स अपोलो क्रैडल गुड़गांव में स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती हैं, “गर्भावस्था के दौरान लंबे समय तक भूखा रहना या ओवरईटिंग दोनों ही नुकसानदायक हैं। बार-बार कम मात्रा में संतुलित भोजन करने से न केवल ब्लड शुगर संतुलित रहता है, बल्कि मेटाबॉलिज्म भी सही रहता है, जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत सुरक्षित रहती है।”

2. लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low GI) वाले खाद्य पदार्थ चुनें

Low Glycemic Index (GI) का मतलब है कि वह भोजन धीरे-धीरे पचता है और शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करता है। इससे अचानक ब्लड शुगर नहीं बढ़ता और इंसुलिन पर दबाव कम रहता है।

अपने आहार में शामिल करें:

  • साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, क्विनोआ, जौ (barley), दलिया और ओट्स

  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ,  पालक, मेथी, लौकी, तोरी, शिमला मिर्च

  • फल जैसे सेब, अमरूद, संतरा, स्ट्रॉबेरी और पपीता

  • प्रोटीन स्रोत जैसे मूंग दाल, मसूर, छोले और अंकुरित अनाज

किन चीज़ों से बचें:

  • सफेद चावल, पास्ता, मैदा, बेकरी प्रोडक्ट

  • मीठे स्नैक्स, केक, बिस्किट और मिठाइयाँ

  • पैकेज्ड जूस, शरबत, और सोडा ड्रिंक्स

टिप:

Low GI डाइट न सिर्फ ब्लड शुगर को स्थिर रखती है बल्कि वजन नियंत्रित करने और प्रेगनेंसी में होने वाली थकान को भी कम करती है।

3. रोजाना हल्की एक्सरसाइज या वॉक करें

शारीरिक गतिविधि (Physical activity) ब्लड शुगर नियंत्रण में सबसे प्रभावी प्राकृतिक उपायों में से एक है। यह शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है, जिससे ग्लूकोज का उपयोग ऊर्जा के रूप में होता है और ब्लड में जमा नहीं रहता।

क्या करें:

  • रोजाना 20–30 मिनट की हल्की वॉक करें। यह भोजन के बाद करना सबसे ज्यादा फायदेमंद है।

  • प्रेगनेंसी योगा या प्रीनेटल एक्सरसाइज करें जो डॉक्टर की देखरेख में हों।

  • घर के हल्के काम जैसे चलना, कपड़े फोल्ड करना, या छोटी दूरी तक टहलना भी मददगार है।

क्या न करें:

  • झुकने, कूदने या भारी वजन उठाने वाले व्यायाम से बचें।

  • अगर किसी दिन थकान ज्यादा है या डॉक्टर ने आराम की सलाह दी है, तो एक्सरसाइज न करें।

महत्वपूर्ण:

किसी भी एक्सरसाइज से पहले अपने गायनकोलॉजिस्ट से अनुमति लें, खासकर अगर आपकी हाई-रिस्क प्रेगनेंसी है। नियमित वॉक करने से न केवल ब्लड शुगर संतुलित रहता है बल्कि नींद की गुणवत्ता, मूड और पाचन में भी सुधार होता है।

4. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

पानी हमारे शरीर के लिए सबसे सरल लेकिन सबसे शक्तिशाली डिटॉक्स एजेंट है। यह ब्लड से अतिरिक्त शुगर को बाहर निकालने में मदद करता है और डिहाइड्रेशन से बचाता है।

पानी पीने के फायदे:

  • किडनी के कार्य को बेहतर बनाता है।

  • ब्लड सर्कुलेशन को संतुलित रखता है।

  • डिहाइड्रेशन से बचाव करता है, जो गर्भावस्था में आम है।

कितना पानी पिएं:

  • रोजाना कम से कम 8–10 गिलास पानी पिएं।

  • गर्मी या पसीना अधिक आने पर पानी की मात्रा और बढ़ाएं।

  • नींबू, पुदीना या खीरे के स्लाइस मिलाकर डिटॉक्स वॉटर बना सकती हैं, जो स्वादिष्ट भी होता है और शुगर कंट्रोल में भी सहायक है।

बचें:

  • शुगरयुक्त पेय जैसे कोल्ड ड्रिंक, जूस, एनर्जी ड्रिंक या मीठा दूध।

  •  ये ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं और शरीर में अतिरिक्त कैलोरी बढ़ाते हैं।

5. तनाव को नियंत्रित रखें

तनाव (Stress) गर्भावस्था में एक सामान्य लेकिन खतरनाक कारक है, जो ब्लड शुगर को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ा सकता है। जब आप मानसिक रूप से तनाव में होती हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन बढ़ते हैं, जो ब्लड शुगर को ऊपर ले जाते हैं।

तनाव कम करने के तरीके:

  • गहरी सांस लेने की तकनीक (Deep Breathing Exercises) अपनाएं: गहरी साँस लेने के व्यायाम अपनाएं क्योंकि इससे तनाव तुरंत कम हो जाता है।

  • मेडिटेशन, प्रेगनेंसी योग या हल्का संगीत सुनना भी फायदेमंद है।

  • नींद पूरी करें: रोजाना कम से कम 7–8 घंटे की नींद जरूरी है।

  • अपने साथी या परिवार से बातचीत करें। मानसिक सहयोग तनाव घटाने में बड़ी भूमिका निभाता है।

यदि आपको लगातार चिंता, बेचैनी या नींद की समस्या हो रही है, तो अपने डॉक्टर या काउंसलर से बात करें। मानसिक स्वास्थ्य गर्भावस्था के दौरान उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य। तनाव नियंत्रण से न केवल ब्लड शुगर स्तर सामान्य रहता है बल्कि बच्चे के विकास, वजन और जन्म के समय स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है।

6. मेथी और दालचीनी का सेवन

आयुर्वेद में मेथी (Fenugreek) और दालचीनी (cinnamon) दोनों ही ब्लड शुगर नियंत्रण के लिए प्रसिद्ध हैं। इनका सेवन इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाने और ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मदद करता है।

मेथी दाने का उपयोग:

  • 1 चम्मच मेथी दाने रातभर पानी में भिगोकर रख दें।

  • सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पीएं।

  • यह ब्लड शुगर को धीरे-धीरे कम करने में मदद करता है।

दालचीनी का उपयोग:

  • 1 कप दूध या गुनगुने पानी में चुटकीभर दालचीनी पाउडर मिलाएं।

  • इसे दिन में एक बार लें।

  • यह ब्लड शुगर के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित करती है।

सावधानी:

 हालांकि ये दोनों घरेलू उपाय सुरक्षित हैं, फिर भी किसी भी सप्लीमेंट या हर्बल उपाय को अपनाने से पहले Gynae डॉक्टर से सलाह लें, खासकर यदि आप पहले से किसी दवा का सेवन कर रही हैं।

7. कैल्शियम और फाइबर युक्त भोजन लें

कैल्शियम और फाइबर गर्भावस्था में दो ऐसे पोषक तत्व हैं जो न केवल ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद करते हैं बल्कि बच्चे के विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

फाइबर के फायदे:

  • पाचन प्रक्रिया को धीमा करता है।

  • ब्लड में शुगर के अवशोषण की गति को कम करता है।

  • भूख लंबे समय तक नियंत्रित रहती है, जिससे ओवरईटिंग नहीं होती।

कैल्शियम के फायदे:

  • बच्चे की हड्डियों और दांतों के निर्माण में मदद करता है।

  • मां के ब्लड प्रेशर और मसल हेल्थ को बेहतर रखता है।

शामिल करें:

  • लो-फैट दूध, दही, पनीर, टोफू

  • ओट्स, हरी सब्जियाँ, मूंग, मसूर दाल

  • चिया सीड्स, अलसी के बीज, सलाद और साबुत अनाज

बचें:

फास्ट फूड, पैकेज्ड स्नैक्स और परिष्कृत चीनी (refined sugar) से बनी चीजें।

डॉक्टर से कब  संपर्क करें

अगर आपको निम्न लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:

  • लगातार प्यास या भूख लगना

  • बार-बार पेशाब आना

  • थकान, चक्कर या धुंधला दिखना

  • ब्लड शुगर लेवल 140 mg/dL से ऊपर रहना

  • समय पर जांच और उपचार से आप और आपका बच्चा दोनों सुरक्षित रह सकते हैं।

निष्कर्ष:

प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना केवल मां की नहीं, बल्कि बच्चे की भी सेहत से जुड़ा एक अहम कदम है। जब ब्लड शुगर बढ़ जाता है, तो इसका असर बच्चे के वजन, जन्म के समय जटिलताओं और भविष्य में डायबिटीज़ जैसी बीमारियों के खतरे पर भी पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी दिनचर्या में थोड़े-थोड़े बदलाव करके इसे नियंत्रित रखें।

संतुलित आहार, नियमित हल्की एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद और तनाव-मुक्त जीवनशैली इस सफर को और भी आसान बनाते हैं। घर पर छोटे-छोटे उपाय आपके ब्लड शुगर को स्थिर रख सकते हैं।

लेकिन याद रखें, हर गर्भावस्था अलग होती है। इसलिए, किसी भी घरेलू नुस्खे या आहार परिवर्तन से पहले अपने गाइनकोलॉजिस्ट से सलाह लेना बेहद जरूरी है। इससे आपको न केवल सही गाइडेंस मिलेगा, बल्कि किसी भी संभावित जटिलता से भी बचा जा सकता है। तो आज ही अपने नजदीकी स्त्री रोग विशेषज्ञ (gynae near you) से परामर्श लें और अपनी गर्भावस्था को स्वस्थ बनाएं।