गर्भावस्था में बवासीर: कारण, लक्षण और उपचार

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गर्भावस्था के दौरान बवासीर (piles) एक सामान्य लेकिन कष्टदायक समस्या है, जो अक्सर हार्मोनल बदलाव, कब्ज और बढ़ते गर्भाशय के दबाव के कारण होती है। इस स्थिति में गुदा और मलाशय के आसपास की नसों में सूजन और दर्द होता है, जिससे असहजता, जलन और कभी-कभी रक्तस्राव भी हो सकता है। बवासीर की समस्या खासकर तीसरी तिमाही में अधिक होती है। हालांकि यह समस्या आम है, लेकिन नजरअंदाज करना ठीक नहीं।

Overview

गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान कई शारीरिक बदलाव होते हैं, जिनका प्रभाव महिला के शरीर पर पड़ता है। इनमें से एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली समस्या है बवासीर (piles)। इस समस्या के कारण महिला को असहजता और दर्द का सामना करना पड़ता है, खासकर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में। बवासीर, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा और मलाशय के आसपास की नसों में सूजन और दर्द होता है। हालांकि यह समस्या गर्भावस्था के दौरान आम है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना सही नहीं होता। लेकिन चिंता की बात नहीं, समय पर सही जानकारी और उपचार से इसे नियंत्रण (control) में रखा जा सकता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम गर्भावस्था के दौरान बवासीर (piles during pregnancy) के कारण, लक्षण और राहत देने के उपायों के बारे में जानेंगे।

बवासीर क्या होती है? What is Piles?

बवासीर, जिसे मेडिकल भाषा में हेमोरॉइड्स (hemorrhoids) कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा (anus) और मलाशय (rectum) के आसपास की नसों में सूजन या सूजन का अनुभव होता है। यह सूजन मुख्य रूप से मलद्वार के अंदर या बाहर होती है। बवासीर के दौरान, इन नसों में खून का प्रवाह बढ़ने से उनमें सूजन (swelling), दर्द (pain), जलन (burning) और कभी-कभी रक्तस्राव (bleeding) हो सकता है।

गर्भावस्था और बवासीर के बीच संबंध (Relationship Between Piles and Pregnancy)

गर्भावस्था के दौरान बवासीर एक आम समस्या बन सकती है, क्योंकि गर्भाशय (uterus) के बढ़ने, हार्मोनल बदलाव (hormonal changes) और कब्ज (constipation) जैसी समस्याओं के कारण गुदा और मलाशय की नसों में सूजन आ सकती है। इस दौरान शरीर में कई शारीरिक परिवर्तन होते हैं जो बवासीर (piles) को बढ़ा सकते हैं, जिससे गर्भवती महिला को असहजता और दर्द का सामना करना पड़ता है।

गुड़गांव में सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग डॉक्टर (best gynaecology doctor in Gurgaon)  ने बताया, "गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन और बढ़ता हुआ गर्भाशय मलाशय और गुदा पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। यह दबाव बवासीर को उत्पन्न करता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और सूजन बढ़ सकती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए"

गर्भवस्था के दौरान बवासीर के कारण (Causes of Piles During Pregnancy)

1. हार्मोनल परिवर्तन (Hormonal Changes):

प्रग्नेंसी में प्रोजेस्टेरोन नामक हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है, जो नसों को ढीला कर देता है। इससे मलाशय और गुदा की नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे सूजन और बवासीर की समस्या बढ़ जाती है।

2. बढ़ता हुआ गर्भाशय (Growing Uterus):

गर्भाशय का आकार बढ़ने से पेट और गुदा पर दबाव बढ़ता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और बवासीर की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

3. कब्ज (Constipation):

गर्भवस्था में कब्ज एक आम समस्या है, जो मल त्याग के समय अधिक दबाव डालने का कारण बनती है। यह मलाशय की नसों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे बवासीर का खतरा बढ़ता है।

4. पानी की कमी (Dehydration):

पानी की कमी के कारण मल कठोर हो जाता है, और इसे निकालने के लिए अधिक दबाव डालने की आवश्यकता होती है, जिससे बवासीर हो सकता है।

5. वजन बढ़ना (Increased Weight):

गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने से भी मलाशय और गुदा पर दबाव पड़ता है, जिससे बवासीर की समस्या और बढ़ सकती है।

 

गर्भावस्था के दौरान बवासीर के लक्षण (Piles During Pregnancy Symptoms)

  • मलत्याग के समय दर्द और असहजता

  • गुदा के आसपास सूजन

  • खुजली और जलन

  • मल त्याग करते समय रक्तस्राव

  • गुदा में गांठ या मस्से

बवासीर का इलाज (Medical Treatment for Piles)

गर्भावस्था के दौरान किसी भी दवा या इलाज से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद ज़रूरी है। कुछ सुरक्षित और असरदार उपाय:

  • कब्ज से बचाव (Prevent Constipation): कब्ज को रोकना बवासीर के इलाज की पहली सीढ़ी है। डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट के साथ फाइबर सप्लीमेंट भी सलाह दे सकते हैं।

  • टॉपिकल क्रीम्स (Topical Creams): डॉक्टर द्वारा अनुमोदित ओवर-द-काउंटर क्रीम्स और मलहम जैसे हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम अस्थायी राहत दे सकते हैं।

  • सिट्ज़ बाथ (Sitz Bath): गुनगुने पानी (lukewarm water) में बैठने से सूजन (swelling) और दर्द (pain) में आराम मिलता है।

  • दर्द निवारक दवाएं (Pain-Killers): केवल डॉक्टर की सलाह से गर्भवती महिलाओं (pregnant women) के लिए सुरक्षित दर्द निवारक (painkiller)दवाएं दी जाती हैं।

 

गर्भावस्था के दौरान बवासीर के लिए घरेलु उपाय (Home Remedies for Piles During Pregnancy)

कुछ आसान घरेलु नुस्खे भी हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत पहुंचा सकते हैं:

1. फाइबर युक्त आहार लें (Eat Fiber-Rich Food): फल जैसे सेब, सब्जियाँ जैसे पालक, भिंडी और साबुत अनाज पाचन को बेहतर बनाते हैं और कब्ज नहीं होने देते।

2. पानी ज्यादा पिएं (Drink Plenty of Water): हर दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड (hydrated) रहता है और मल मुलायम (soft stool) बनता है।

3. सिज़ बाथ लें (Take Sitz Bath): गुनगुने पानी (lukewarm water) में दिन में दो बार 10-15 मिनट बैठना सूजन को कम करता है।

4. ठंडी सिकाई (Cold Fomentation): बर्फ से सिकाई करने से गुदा क्षेत्र की सूजन में आराम मिल सकता है।

5. शारीरिक गतिविधि (Physical Activities): हल्की वॉक या प्रेग्नेंसी योग कब्ज को रोकता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें? When to Consult a Doctor?

गर्भावस्था के दौरान अगर बवासीर (piles during pregnancy) के कारण बहुत अधिक दर्द (pain), रक्तस्राव (bleeding) या सूजन हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। गर्भवती महिलाओं के लिए बवासीर का इलाज सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही किया जाना चाहिए, ताकि दोनों माँ और बच्चे की सेहत सुरक्षित रहे।

निष्कर्ष:

गर्भावस्था के दौरान बवासीर (Piles during pregnancy) एक आम समस्या हो सकती है, लेकिन सही देखभाल और समय पर उपचार (timely treatment) से इससे राहत पाई जा सकती है। संतुलित आहार (balanced diet), पर्याप्त पानी (required water), और हल्की एक्सरसाइज  (light exercises) जैसे घरेलू उपाय मददगार साबित होते हैं। साथ ही, यदि दर्द, सूजन या रक्तस्राव अधिक हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद आवश्यक है। अगर आप भी गर्भावस्था में बवासीर (hemorrhoids  during pregnancy) की समस्या से जूझ रही हैं, तो देर न करें। अपने नजदीक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञों (experienced gynae doctor near you) से परामर्श लें और सुरक्षित समाधान पाएं।