सीड साइकलिंग: पीसीओएस को नेचुरली कंट्रोल करने का आसान और असरदार तरीका
Summary:
अगर आप पीसीओएस (PCOS) की समस्या से परेशान हैं और हार्मोनल संतुलन को नैचुरली सुधारना चाहती हैं, तो सीड साइकलिंग (Seed Cycling) एक आसान और असरदार उपाय हो सकता है। यह प्रक्रिया मासिक धर्म चक्र के दो फेज़ में विशेष बीजों जैसे अलसी, कद्दू, तिल और सूरजमुखी के बीजों के सेवन पर आधारित है, जो एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को संतुलित करते हैं।
क्या आपके पीरियड्स समय पर नहीं आते? ब्लीडिंग कम या ज्यादा होती है, या लंबे समय तक पीरियड्स आते ही नहीं? तो यह पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) की ओर इशारा हो सकता है। महिलाओं में पीसीओएस एक आम समस्या बनती जा रही है, जिसका सीधा असर उनके पीरियड्स साइकिल पर पड़ता है। जब मासिक धर्म देर से या समय से पहले आने लगे, ब्लीडिंग बहुत ज्यादा या बहुत कम हो जाए, या कई महीनों तक पीरियड्स ही न आएं तो ये पीसीओएस के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। इस स्थिति में अंडाशय (Ovary) में कई छोटी-छोटी सिस्ट्स (Ovarian Cysts) बनने लगती हैं, जिससे ओवुलेशन यानी अंडाणु बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। नतीजा यह होता है कि हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता (Hormonal Imablance) है और मासिक धर्म अनियमित (Irregular Periods) हो जाता है।
ऐसे में एक नेचुरल और आसान तरीका है जिससे आप अपने हार्मोन को बैलेंस कर सकती हैं, और वह है Seed Cycling । यह एक प्राकृतिक तकनीक है जिसमें कुछ खास बीजों (seeds) का सेवन मासिक धर्म चक्र के अनुसार किया जाता है, ताकि शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का संतुलन बना रहे। इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि पीसीओएस में सीड साइकलिंग कैसे मदद (PCOS seed cycling benefits) कर सकती है, यह प्रक्रिया कैसे काम करती है, किन-किन बीजों को कब और कैसे खाना होता है, और इसे अपनाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
अगर आप पीसीओएस की वजह से थक चुकी हैं और उपाय की तलाश में हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी हो सकती है।
सीड साइकलिंग क्या है? What is Seed Cycling in Hindi
Seed Cycling एक नैचुरल हार्मोन बैलेंसिंग तकनीक है, जिसमें चार प्रकार के बीजों – अलसी (Flax Seeds), कद्दू (Pumpkin Seeds), सूरजमुखी (Sunflower Seeds) और तिल (Sesame Seeds) का सेवन दो फेज़ में किया जाता है। ये बीज शरीर में अलग-अलग हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं। खासतौर पर जब महिला को पीसीओएस हो, तो उसका मासिक धर्म चक्र असंतुलित हो जाता है। पीसीओएस में सीड साइकलिंग (Seed Cycle For PCOS) एक सुरक्षित और असरदार तरीका है जिससे धीरे-धीरे हार्मोन बैलेंस किया जा सकता है।
मिराकल्स अपोलो क्रेडल में गुड़गांव की सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शीला गौर कहती हैं, " महिलाओं के सीड साइक्लिंग (Seed Cycling For Women) एक सस्ता, सरल और नैचुरल तरीका है, जो महिलाओं के हार्मोनल हेल्थ को सुधारने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह हर किसी के लिए काम करे ये जरूरी नहीं, लेकिन जीवनशैली सुधार और संतुलित डाइट के साथ यह बेहद असरदार साबित हो सकता है।”
पीसीओएस में हार्मोनल असंतुलन क्यों होता है? Why Does Hormonal Imbalance Occur in PCOS?
पीसीओएस में शरीर में एण्ड्रोजन (Androgen) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में गड़बड़ी हो जाती है। यह असंतुलन ही पीरियड्स को अनियमित बनाता है और ओव्यूलेशन (Ovulation) को रोकता है। यही कारण है कि पीसीओएस से जूझ रही महिलाएं गर्भधारण में कठिनाई महसूस करती हैं और बार-बार स्किन ब्रेकआउट्स (Skin Breakouts), वजन बढ़ना (Weight Gain), थकान (Fatigue), और मूड स्विंग (Mood Swings) जैसी परेशानियों का सामना करती हैं।
पीसीओएस में सीड साइकलिंग कैसे करें? How to Use Seed Cycling for PCOS in Hindi
सीड साइकलिंग दो फेज़ में की जाती है, जो मासिक धर्म चक्र के हार्मोनल बदलावों के अनुसार बनाई गई है।
1. पहला चरण (दिन 1 से 14): अलसी और कद्दू के बीज
यह फेज मासिक धर्म (Menstruation) के पहले दिन से शुरू होता है और ओव्यूलेशन तक चलता है। इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन की मात्रा बढ़नी चाहिए ताकि ओव्यूलेशन हो सके।
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अलसी के बीज (Flax Seeds): इसमें फाइटोएस्ट्रोजेन होता है जो एस्ट्रोजेन को बैलेंस करता है।
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कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds): ये जिंक से भरपूर होते हैं, जो अगले चरण में प्रोजेस्टेरोन के स्तर (Progesterone Level) को बढ़ाने में मदद करते हैं।
2. दूसरा फेज (दिन 15 से 28): तिल और सूरजमुखी के बीज
ओव्यूलेशन के बाद शुरू होता है दूसरा फेज, जिसे ल्यूटियल फेज (Luteal Phase) कहा जाता है। इस समय प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा बढ़नी चाहिए।
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तिल के बीज (Sesame Seeds): इसमें लिग्नैन होता है जो शरीर में अतिरिक्त एस्ट्रोजेन को निकालने में मदद करता है।
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सूरजमुखी के बीज (Sunflower Seeds): इनमें विटामिन E और सेलेनियम (Selenium) पाया जाता है, जो प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ावा देने में सहायक होता है।
अगर आपके पीरियड्स अनियमित हैं, तो आप “मून साइकल” यानी चंद्र कैलेंडर के आधार पर सीड साइकलिंग शुरू कर सकती हैं। अमावस्या से पूर्णिमा तक पहला फेज और पूर्णिमा से अमावस्या तक दूसरा फेज माना जाता है।
पीसीओएस में बीज चक्रण के फायदे (PCOS Seed Cycling Benefits):
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मासिक धर्म को नियमित रखने में सहायक होता है।
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ओव्यूलेशन को सुधारता है
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हार्मोन का प्राकृतिक रूप से संतुलन करता है
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वजन नियंत्रित रखने में सहायक
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मूड स्विंग्स, थकान और स्किन समस्याओं में राहत
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पीसीओएस के कारण होने वाली फर्टिलिटी समस्याओं में सुधार
ध्यान देने योग्य बातें
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सीड्स को कच्चा और ताजा पीसकर ही सेवन करें।
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हमेशा सुबह खाली पेट या नाश्ते के साथ सेवन करना बेहतर होता है।
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कुछ हफ्तों तक नियमित सेवन करने से ही असर दिखेगा, धैर्य रखें।
निष्कर्ष:
अगर आप पीसीओएस (PCOS) की समस्या से जूझ रही हैं तो एक बार सीड साइकलिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके देखें। यह एक नेचुरल, सुरक्षित और असरदार तरीका है जो आपके पीरियड्स को रेगुलर कर सकता है और हार्मोनल संतुलन को बेहतर बना सकता है। सीड साइकलिंग शुरू करने से पहले अपने नज़दीकी स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynaecology Doctor Near You) से परामर्श लें, खासकर अगर आपकी पीरियड साइकिल बहुत अनियमित है या पीसीओएस के लक्षण गंभीर हैं।
Frequently Asked Questions
सीड साइकलिंग एक नेचुरल तरीका है जिसमें माहवारी चक्र के अनुसार अलग-अलग बीजों का सेवन कर हार्मोन बैलेंस किया जाता है।
माहवारी के पहले 14 दिनों में रोज़ाना 1-2 चम्मच कद्दू के बीज खाली पेट या स्मूदी में मिलाकर खाएं।
पीसीओडी का जड़ से इलाज लाइफस्टाइल बदलाव, हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और हार्मोन संतुलन से संभव है।
यह एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन को नैचुरली बैलेंस करता है, जिससे पीरियड्स नियमित होते हैं और लक्षण कम होते हैं।
Miracles Apollo Cradle, Gurgaon में अनुभवी और कुशल स्त्री रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं, जो पीसीओएस के प्रभावी उपचार के लिए प्रसिद्ध हैं।
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