प्लेसेंटा प्रीविया: जानिए इसके लक्षण, कारण, जटिलताएं और इलाज

- प्लेसेंटा प्रीविया क्या होता है? What is Placenta Previa in Hindi?
- प्लेसेंटा प्रीविया के प्रकार क्या हैं? What are Placenta Previa Types?
- प्लेसेंटा प्रीविया के लक्षण क्या हैं? What are the Placenta Previa Symptoms?
- प्लेसेंटा प्रीविया के क्या कारण हो सकते हैं? What are Placenta Previa Causes?
- प्लेसेंटा प्रिविया से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं? What are the Placenta Previa Complications?
- प्लेसेंटा प्रिविया का निदान कैसे किया जाता है? Placenta Previa Diagnosis
- प्लेसेंटा प्रिविया का इलाज कैसे किया जाता है? Placenta Previa Treatment Options
Summary
गर्भावस्था हर महिला के लिए एक अनमोल सफर होता है। हर दिन नए एहसास, हर पल एक नई उम्मीद लेकर आता है। लेकिन इसी सफर में कभी-कभी कुछ ऐसी बातें सामने आ जाती हैं, जो मां बनने की खुशी को थोड़ी चिंता में बदल देती हैं। अल्ट्रासाउंड के दौरान जब डॉक्टर कहते हैं कि आपको प्लेसेंटा प्रीविया (placenta previa) है, तो ये शब्द नया और डराने वाला लग सकता है।
पहली बार सुनते ही मन में कई सवाल उठते हैं – ये क्या होता है? क्या बच्चा सुरक्षित रहेगा? मुझे क्या करना होगा? इलाज संभव है या नहीं? प्लेसेंटा प्रीविया गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक स्थिति है, जिसे सही जानकारी और डॉक्टर की देखरेख से आसानी से संभाला जा सकता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम चर्चा करेंगे कि प्लेसेंटा प्रीविया क्या होता है (what is placenta previa in hindi), इसके लक्षण क्या हैं, इसके कारण क्या हो सकते हैं, और इसका इलाज कैसे किया जाता है। सबसे ज़रूरी बात यह है कि घबराने की ज़रूरत नहीं है। जानकारी ही सबसे पहला इलाज है।
प्लेसेंटा प्रीविया क्या होता है? What is Placenta Previa in Hindi?
गर्भावस्था के दौरान, प्लेसेंटा एक अंग होता है जो मां और बच्चे के बीच पोषण (nutrition) और ऑक्सीजन (oxygen) पहुंचाने का काम करता है। आमतौर पर यह गर्भाशय की ऊपरी दीवार से जुड़ा होता है। लेकिन जब प्लेसेंटा गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित होता है और गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) को आंशिक या पूरी तरह ढक देता है, तो इसे "प्लेसेंटा प्रीविया" (placenta previa) कहा जाता है।
डॉ. साधना शर्मा, सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ (best gynaecologist in gurgaon), मिराकल्स अपोलो क्रैडल, गुरुग्राम बताती हैं, "प्लेसेंटा प्रीविया एक ऐसी स्थिति है जिसे हम अल्ट्रासाउंड के ज़रिए आसानी से पहचान सकते हैं। सही समय पर डायग्नोसिस और डॉक्टर की देखरेख में इलाज होने पर माँ और बच्चा दोनों पूरी तरह सुरक्षित रह सकते हैं। ज़रूरी है कि महिलाएं कोई भी ब्लीडिंग को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।"
यह स्थिति प्रेग्नेंसी के किसी भी चरण में सामने आ सकती है, लेकिन ज़्यादातर मामलों में दूसरी या तीसरी तिमाही में इसका पता चलता है। यह जानना ज़रूरी है कि प्लेसेंटा प्रीविया कोई लाइलाज या डराने वाली स्थिति नहीं है। सही समय पर पहचान और इलाज से इसे आसानी से संभाला जा सकता है।
प्लेसेंटा प्रीविया के प्रकार क्या हैं? What are Placenta Previa Types?
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Complete previa: प्लेसेंटा पूरी तरह से सर्विक्स को ढक लेता है।
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Partial previa: प्लेसेंटा सर्विक्स को कुछ हद तक ढकता है।
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Marginal previa: प्लेसेंटा सर्विक्स के किनारे पर होता है।
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Low-lying placenta: प्लेसेंटा सर्विक्स के पास होता है, लेकिन उसे ढकता नहीं है।
प्लेसेंटा प्रीविया के लक्षण क्या हैं? What are the Placenta Previa Symptoms?
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बिना दर्द के योनि से खून आना – यह सबसे आम लक्षण है। खासकर गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे तिमाही में।
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हल्की से लेकर तेज़ ब्लीडिंग तक हो सकती है।
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कुछ महिलाओं को पेट में हल्का दबाव या ऐंठन महसूस हो सकता है।
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ब्लीडिंग बार-बार हो सकती है, खासकर जब डिलीवरी का समय करीब हो।
ध्यान दें: अगर गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय खून आए, तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ (gynae doctor) से परामर्श लें
प्लेसेंटा प्रीविया के क्या कारण हो सकते हैं? What are Placenta Previa Causes?
प्लेसेंटा प्रीविया के लिए कोई एक कारण (causes of placenta previa) नहीं होता, लेकिन कुछ स्थितियाँ इसकी संभावना को बढ़ा सकती हैं।
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पहले भी सी-सेक्शन (c-section) हुआ हो
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जुड़वा या बहु-भ्रूण गर्भावस्था
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पहले गर्भपात की हिस्ट्री
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35 वर्ष या उससे अधिक उम्र में गर्भधारण
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धूम्रपान या नशे की आदत
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प्लेसेंटा का बड़ा आकार (Placenta accreta spectrum)
प्लेसेंटा प्रिविया से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं? What are the Placenta Previa Complications?
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प्रसव के समय भारी रक्तस्राव (Bleeding): जो मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा हो सकता है।
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प्री-मैच्योर डिलीवरी: समय से पहले बच्चा होना।
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सी-सेक्शन की आवश्यकता: नॉर्मल डिलीवरी संभव नहीं हो पाती।
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Placenta accreta: जब प्लेसेंटा गर्भाशय की दीवार (uterine wall) में इतनी गहराई से चिपक जाता है कि डिलीवरी के समय उसे अलग करना कठिन हो जाता है।
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मां को खून की कमी (Anemia)
प्लेसेंटा प्रिविया का निदान कैसे किया जाता है? Placenta Previa Diagnosis
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अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): यह सबसे सामान्य और सुरक्षित तरीका है जिससे प्लेसेंटा की स्थिति देखी जाती है।
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Transvaginal Ultrasound: Ultrasound TVS स्पष्ट जानकारी प्रदान करने के लिए किया जाता है ताकि प्लेसेंटा की स्थिति का अनुमान लगाया जा सके।
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Routine Pregnancy Checkup: नियमित प्रेग्नेंसी जांच के दौरान भी प्लेसेंटा प्रीविया (placenta previa) का पता लगाया जा सकता है।
प्लेसेंटा प्रिविया का इलाज कैसे किया जाता है? Placenta Previa Treatment Options
प्लेसेंटा प्रीविया का इलाज इस पर निर्भर करता है कि प्लेसेंटा सर्विक्स को कितना ढक रहा है, ब्लीडिंग हो रही है या नहीं, और गर्भावस्था का कौन-सा सप्ताह चल रहा है।
1. आराम और नियमित निगरानी (Bed Rest & Monitoring)
अगर प्लेसेंटा प्रिविया की स्थिति हल्की है और खून बहना नहीं हो रहा है, तो ज़्यादातर मामलों में महिला को ज़्यादा से ज़्यादा आराम करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान भारी सामान उठाना, ज़्यादा चलना-फिरना या यौन संबंध बनाने से मना किया जाता है। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड और नियमित चेकअप के ज़रिए यह देखते रहते हैं कि प्लेसेंटा की पोजिशन में कोई बदलाव हो रहा है या नहीं। कई बार जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है, प्लेसेंटा ऊपर खिसक जाता है और स्थिति सामान्य हो जाती है।
2. ब्लीडिंग कंट्रोल करना (Controlling Bleeding)
अगर महिला को ब्लीडिंग हो रही है, तो स्थिति थोड़ी गंभीर मानी जाती है। ऐसे में डॉक्टर तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दे सकते हैं। ब्लीडिंग ज्यादा होने पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ सकती है। इसके साथ ही कुछ दवाएं दी जाती हैं जो यूट्रस को शांत रखने और प्रसव को टालने में मदद करती हैं।
3. डिलीवरी की समय-सीमा तय करना (Scheduling the Delivery)
अगर प्रेग्नेंसी 36-37 सप्ताह के करीब पहुंच गई है और ब्लीडिंग लगातार बनी हुई है या स्थिति गंभीर है, तो डॉक्टर जल्द डिलीवरी का फैसला ले सकते हैं। इस स्थिति में ज़्यादातर मामलों में सी-सेक्शन (c-section) को ही सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि नॉर्मल डिलीवरी के दौरान प्लेसेंटा के रास्ते में होने की वजह से माँ और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। अगर कोई इमरजेंसी हो, जैसे तेज ब्लीडिंग या फेटल डिस्ट्रेस, तो समय से पहले ऑपरेशन ज़रूरी हो सकता है।
4. स्टेरॉइड इंजेक्शन देना (Steroid Injections for Baby’s Lung Development)
अगर डिलीवरी तय समय से पहले करानी पड़ रही है (pre-term delivery), तो डॉक्टर गर्भवती को स्टेरॉइड इंजेक्शन देते हैं। इन इंजेक्शनों का काम बच्चे के फेफड़ों (lungs) को जल्दी विकसित करना होता है ताकि वह जन्म के बाद बिना किसी गंभीर सांस की समस्या (breathing problems) के ठीक से सांस ले सके। यह खासकर तब दिया जाता है जब डिलीवरी 34 हफ्ते से पहले हो रही हो।
5. इमरजेंसी में तत्काल इलाज (Emergency Management)
कुछ मामलों में प्लेसेंटा प्रिविया के कारण अचानक तेज ब्लीडिंग हो सकती है। ऐसे में यह मेडिकल इमरजेंसी बन जाती है। तुरंत अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर की देखरेख में इलाज शुरू करना बहुत ज़रूरी होता है। इस दौरान माँ की जान बचाने के लिए तेज़ी से ब्लड ट्रांसफ्यूजन, सी-सेक्शन और नवजात शिशु की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ सकती है।
निष्कर्ष:
प्लेसेंटा प्रीविया एक सामान्य लेकिन गंभीर गर्भावस्था स्थिति हो सकती है। अच्छी बात ये है कि सही समय पर पता चल जाए और उचित इलाज मिल जाए, तो मां और बच्चा दोनों पूरी तरह सुरक्षित रह सकते हैं। अगर आप गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की असामान्यता महसूस कर रही हैं, तो देरी न करें, अपने नजदीक के सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ (gynaecology doctor near you) से परामर्श लें और अपनी और अपने शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
Frequently Asked Questions
हां, अगर समय रहते इलाज न हो तो प्लेसेंटा प्रीविया से रक्तस्राव हो सकता है, जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
हां, यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे गर्भावस्था में भारी ब्लीडिंग हो सकती है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा है।
गर्भावस्था की शुरुआत में प्लेसेंटा का नीचे होना सामान्य है, लेकिन अगर यह आगे बढ़कर सर्विक्स को ढक ले तो प्लेसेंटा प्रीविया बनता है।
आमतौर पर प्लेसेंटा प्रीविया का पता 18 से 20 सप्ताह की अल्ट्रासाउंड जांच के दौरान चलता है, और स्थिति की पुष्टि के लिए 28 से 32 सप्ताह में दोबारा स्कैन किया जाता है।
अगर सही इलाज और देखभाल ली जाए तो भविष्य की गर्भधारणाओं पर अधिक असर नहीं पड़ता, लेकिन डॉक्टर से निगरानी जरूरी होती है।
'Complete placenta previa' जिसमें प्लेसेंटा पूरी तरह से गर्भाशय ग्रीवा को ढक लेता है, सबसे ज्यादा जोखिमभरा होता है।
Miracles Apollo Cradle, Gurgaon में अनुभवी गायनेकोलॉजिस्ट्स हैं, जो प्लेसेंटा प्रीविया जैसे हाई-रिस्क मामलों में विशेषज्ञता रखते हैं।
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