पीरियड जल्दी लाने के आसान और सुरक्षित घरेलु उपाय

Summary

कई आसान घरेलू उपाय आपके मासिक धर्म को जल्द लाने में मदद कर सकते हैं, जैसे अदरक, हल्दी वाला दूध, पपीता और दालचीनी का सेवन। गर्म पानी से सेंक, हल्का व्यायाम और तनाव कम करने के तरीके भी कारगर माने जाते हैं। ये प्राकृतिक तरीके शरीर के हार्मोनल संतुलन में सुधार करते हैं और मासिक धर्म को विनियमित करने में मदद करते हैं।

Overview:

महिलाओं के शरीर में समय-समय पर हार्मोनल बदलाव स्वाभाविक हैं। कभी-कभी ये बदलाव मासिक धर्म के समय को प्रभावित कर देते हैं, जिससे पीरियड देरी से आता है। ऐसे में ज्यादातर महिलाएँ यह सोचती हैं कि पीरियड्स जल्दी कैसे लाएं (periods jaldi kaise laye) ?  यह आम समस्या है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई उपाय नहीं है। इस ब्लॉग में हम पीरियड में देरी के (periods delay) कारणों की और कुछ आसान, घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे, जिनकी मदद से आप मासिक धर्म को प्राकृतिक तरीके से जल्दी ला सकती हैं।

पीरियड देर से आने के क्या कारण होते हैं?

पीरियड लेट (periods late) होने के पीछे कई शारीरिक, मानसिक और जीवनशैली से जुड़े कारण हो सकते हैं। इन कारणों को समझने से आप अपने मासिक चक्र को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती हैं और समय रहते सही कदम उठा सकती हैं। इन कारणों में शामिल हो सकते हैं:

  • तनाव (Stress): अत्यधिक तनाव की वजह से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है, जो मासिक चक्र को प्रभावित करता है और जिससे पीरियड देर से आ सकते हैं। इसके अलावा लंबे समय तक तनाव रहने से ओव्यूलेशन रुक सकता है, जिससे पूरा मासिक चक्र बिगड़ सकता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना, पर्याप्त नींद लेना और रिलैक्सेशन तकनीक अपनाना जरूरी है।

           मिरेकल्स अपोलो क्रेडल में गुड़गांव की सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. साधना शर्मा  का कहना है "तनाव आपकी प्रजनन क्षमता और पीरियड दोनों को सीधे प्रभावित करता है। कई बार सिर्फ स्ट्रेस मैनेजमेंट               अपनाने से ही मासिक चक्र फिर से नियमित होने लगता है। अगर तनाव लंबे समय तक बना हुआ है, तो इसे हल्के में न लें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।"

  • हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance): थायरॉइड, प्रोलैक्टिन या पीसीओएस जैसी स्थितियाँ हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकती हैं, जिससे मासिक धर्म में देरी हो सकती है। यह हार्मोनल असंतुलन न केवल शरीर की पूरी प्रजनन प्रक्रिया को प्रभावित करता है, बल्कि ओव्यूलेशन (ovulation) को भी धीमा कर सकता है। इसीलिए इस समस्या की सही पहचान के लिए डॉक्टर की सलाह से खून के टेस्ट करवाना और समय पर उपचार लेना बेहद जरूरी है।

  • वजन में अचानक बदलाव (Sudden Change in Weight): बहुत ज्यादा वजन बढ़ना या तेजी से वजन कम होना दोनों ही ओव्यूलेशन को प्रभावित करते हैं, जिससे पीरियड अनियमित होने लगते हैं। शरीर को एक स्थिर वजन पसंद होता है, और अचानक बदलाव हार्मोन के संतुलन को बिगाड़ देता है, जिससे menstrual cycle पूरी तरह प्रभावित हो सकता है। इसलिए एक संतुलित और हेल्दी वजन बनाए रखना पीरियड को नियमित रखने के लिए बेहद जरूरी होता है।

  • PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम): PCOS महिलाओं में अनियमित पीरियड का सबसे आम कारणों में से एक माना जाता है। इसमें ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है और मासिक चक्र (menstrual cycle) प्रभावित होने लगता है। PCOS की वजह से पीरियड लेट हो सकते हैं या कई बार लंबे समय तक मिस भी हो जाते हैं, क्योंकि यह ओव्यूलेशन की सामान्य प्रक्रिया को धीमा या बंद कर देता है। सही डाइट, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण और डॉक्टर की सलाह से उपचार अपनाकर PCOS को काफी हद तक मैनेज किया जा सकता है और पीरियड को नियमित किया जा सकता है।

  • गर्भावस्था (Pregnancy): अगर आप sexually active हैं तो पीरियड लेट होने का सबसे आम और प्राकृतिक कारण गर्भावस्था हो सकती है। गर्भधारण के बाद शरीर में हार्मोन तेजी से बदलते हैं, जिससे माहवारी रुक जाती है और मासिक चक्र पूरी तरह बदल जाता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी टेस्ट करना सबसे पहला और सही कदम होता है, ताकि आगे की देखभाल और आवश्यक कदम सही समय पर लिए जा सकें।

  • थायरॉइड समस्याएं (Thyroid Problems): हाइपोथायरॉइडिज़्म या हाइपरथायरॉइडिज़्म दोनों ही मासिक चक्र को सीधे प्रभावित कर सकते हैं और पीरियड देर से आने या अनियमित (irregular periods) होने का कारण बनते हैं। थायरॉइड हार्मोन शरीर के लगभग हर फंक्शन, खासकर मेटाबॉलिज्म और हार्मोन बैलेंस को नियंत्रित करता है, इसलिए इसकी गड़बड़ी मासिक चक्र पर तुरंत असर डालती है। थायरॉइड की सटीक पहचान और नियंत्रण के लिए नियमित blood tests करवाना और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा समय पर लेना बेहद जरूरी है, ताकि menstrual cycle सामान्य बना रहे।

  • स्तनपान (Breastfeeding): स्तनपान करते समय प्रोलैक्टिन हार्मोन बढ़ जाता है, जो ओव्यूलेशन को रोक सकता है और इस वजह से पीरियड देर से आते हैं। कई महिलाओं में डिलीवरी के बाद कई महीनों तक पीरियड नहीं आते या बहुत अनियमित रहते हैं, क्योंकि शरीर पूरी तरह बच्चे के पोषण पर ध्यान देता है। यह बिल्कुल सामान्य स्थिति है, और जैसे-जैसे स्तनपान कम होता है, menstrual cycle धीरे-धीरे दोबारा नियमित होने लगता है।

  • दवाओं का प्रभाव (Side Effects of Medicines): कुछ दवाएं जैसे वजन बढ़ाने वाली दवाएं, एंटी-डिप्रेसेंट, मानसिक तनाव की दवाएं, या हार्मोनल पिल्स पीरियड साइकिल को प्रभावित कर सकती हैं। ये दवाएं शरीर के natural hormonal balance को बदल देती हैं, जिससे ओव्यूलेशन और menstrual cycle दोनों में देरी हो सकती है। यदि किसी दवा के बाद पीरियड अनियमित या लेट हो रहे हों, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ताकि दवा में बदलाव या बेहतर विकल्प चुना जा सके।

  • अत्यधिक व्यायाम (Excessive Exercise): बहुत अधिक एक्सरसाइज़ करने से शरीर में ऊर्जा की कमी और हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं, जिससे पीरियड देर हो सकते हैं। एथलीट या बहुत ज्यादा ट्रेनिंग करने वाली महिलाओं में यह समस्या काफी आम है, क्योंकि उनके शरीर में फैट प्रतिशत कम हो जाता है। व्यायाम जरूरी है, लेकिन इसे हमेशा शरीर की क्षमता और पोषण के अनुसार करना बेहतर होता है।

  • खराब खान-पान(Bad Eating Habits): जंक फूड, कम खाना, पोषण की कमी और असंतुलित डाइट से भी मासिक चक्र प्रभावित हो सकता है। जब शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते, तो ओव्यूलेशन कमजोर पड़ जाता है, जिससे पीरियड लेट या अनियमित हो जाते हैं। अच्छी डाइट, पर्याप्त प्रोटीन, आयरन, विटामिन्स और minerals लेने से menstrual cycle प्राकृतिक रूप से बेहतर होता है।

  • पेरिमेनोपॉज़ (Pre-Menopause): 35–45 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं में पेरिमेनोपॉज़ शुरू हो सकता है, जिसमें पीरियड अनियमित, देर से या कभी-कभी मिस भी होने लगते हैं। यह menopause से पहले का एक transitional phase होता है, जिसमें हार्मोन लगातार fluctuation करते रहते हैं। इस दौरान cycle में बदलाव आना सामान्य है, लेकिन यदि बहुत अधिक लक्षण महसूस हों तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

पीरियड जल्दी लाने के घरेलू उपाय Periods Lane ke Gharelu Upay 

कई बार तनाव, हार्मोनल बदलाव या स्वास्थ्य समस्याओं के कारण पीरियड लेट हो जाते हैं। ऐसे में कुछ प्राकृतिक और सुरक्षित घरेलू उपाय अपनाकर आप मासिक धर्म को जल्दी लाने में मदद पा सकती हैं। पीरियड्स जल्दी कैसे लाएं

1. अदरक का सेवन करें

अदरक शरीर में प्राकृतिक गर्माहट पैदा करता है और रक्त संचार बढ़ाता है। इससे गर्भाशय की मांसपेशियों में गतिविधि बढ़ती है, जो पीरियड जल्दी लाने में मदद कर सकती है।

कैसे उपयोग करें:

  • 1 चम्मच ताज़ा कद्दूकस किया हुआ अदरक लें।

  • इसे 1 कप पानी में 5 मिनट उबालें।

  • दिन में 1–2 बार इस ड्रिंक का सेवन करें।

2. हल्दी वाला दूध

हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर के हार्मोन को संतुलित करने में मदद करते हैं। यह मासिक धर्म को नियमित करने में भी उपयोगी है।

कैसे उपयोग करें:

  • 1 गिलास गर्म दूध में 1/2 चम्मच हल्दी मिलाएं।

  • इसे 5–7 दिनों तक लगातार पिएं।

3. अजवाइन का काढ़ा

अजवाइन गर्भाशय की मांसपेशियों को रिलैक्स करती है और पीरियड शुरू होने में मदद कर सकती है।

कैसे उपयोग करें:

  • 1 चम्मच अजवाइन को 1 कप पानी में उबालें।

  • दिन में 2 बार इसका सेवन करें।

4. कच्चा पपीता

कच्चे पपीते में ऐसे एंज़ाइम होते हैं जो गर्भाशय की मांसपेशियों को उत्तेजित करते हैं। इससे पीरियड जल्दी आने की संभावना बढ़ती है।

कैसे उपयोग करें:

हर दिन 1 बार हरा पपीता सलाद के रूप में खाएँ, या इसका ताज़ा जूस पिएँ।

5. दालचीनी का सेवन

दालचीनी हार्मोन बैलेंस करने के लिए जानी जाती है। इससे मासिक धर्म नियमित रहने में मदद मिलती है।

कैसे उपयोग करें:

  • 1 कप गर्म पानी में 1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं।

  • 5–7 दिनों तक रोज़ इस पेय का सेवन करें।

6. गर्म पानी की सिकाई 

पेट पर गर्म पानी की सिकाई करने से रक्त संचार बढ़ता है, मांसपेशियों को आराम मिलता है और मासिक धर्म को लाने में मदद मिलती है।

कैसे करें:

हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल को निचले पेट पर 10–15 मिनट रखें।

7. योग और व्यायाम

योग हार्मोन को संतुलित करता है, तनाव कम करता है और मासिक चक्र को नियमित रखने में भूमिका निभाता है।

इन आसनों का अभ्यास लाभकारी है:

  • भुजंगासन (Cobra Pose)

  • सूर्य नमस्कार (Sun Salutation)

  • पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose)

  • हल्की वॉक और स्ट्रेचिंग भी फायदेमंद रहती है।

कब डॉक्टर से मिलें?

अगर पीरियड लगातार 3-6 महीने तक अनियमित हो या अत्यधिक दर्द, अत्यधिक रक्तस्राव या अन्य असामान्य लक्षण दिखें तो गाइनेकोलॉजी डॉक्टर से संपर्क करें। कुछ मामलों में हार्मोनल दवा या टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है।

निष्कर्ष:

पीरियड जल्दी लाने के कई प्राकृतिक और घरेलू उपाय हैं। अदरक, हल्दी, अजवाइन, पपीता, दालचीनी और योग जैसे आसान उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप मासिक धर्म को नियंत्रित कर सकती हैं। इसके साथ ही संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और तनाव कम करना भी पीरियड को नियमित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। याद रखें, हर महिला का शरीर अलग होता है। इसलिए किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपनी स्वास्थ्य स्थिति और जरूरतों को समझना जरूरी है। अगर आपके पीरियड बार-बार लेट होते हैं, दर्द ज्यादा रहता है या अनियमितता लंबे समय से बनी हुई है, तो इसे अनदेखा न करें। आज ही मिरेकल्स हेल्थकेयर में अपने नजदीकी अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ (gynae near you) से परामर्श लें और अपनी मासिक धर्म की समस्या (menstrual periods treatment) का सुरक्षित और सही समाधान पाएं।


Frequently Asked Questions

अदरक, हल्दी वाला दूध, अजवाइन, दालचीनी और कच्चा पपीता जैसे गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ पीरियड जल्दी लाने में मदद करते हैं।

गर्म पानी की सिकाई, अदरक की चाय, हल्दी दूध और पपीता का सेवन करें, लेकिन प्रेग्नेंसी टेस्ट भी जरूर कर लें।

गर्म पानी, व्यायाम, अदरक-नींबू की चाय और दालचीनी का सेवन रक्त प्रवाह को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

कच्चा पपीता 2–5 दिनों में असर दिखा सकता है, लेकिन यह हर व्यक्ति के शरीर पर अलग-अलग प्रभाव डालता है।

हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड समस्या, पीसीओडी, वजन में बदलाव, अधिक तनाव या गर्भावस्था की वजह से ऐसा हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।