साइटिका क्यों होता है? जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके

साइटिका (sciatica) एक ऐसी स्थिति है जो पीठ के निचले हिस्से से लेकर पैरों तक दर्द पहुंचाती है। यह दर्द आमतौर पर साइटिक नर्व (sciatic nerve) के दबने या प्रभावित होने के कारण होता है। साइटिका के दर्द (sciatica pain) से न केवल शारीरिक परेशानी होती है, बल्कि यह आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को भी प्रभावित कर सकता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि साइटिका का दर्द क्यों होता है(causes of sciatica pain), इसके प्रमुख कारण, लक्षण और इसे रोकने के उपाय।

साइटिका क्या है? What is Sciatica in Hindi

मिरेकल्स अपोलो क्रैडल/स्पेक्ट्रा में गुड़गांव के प्रसिद्ध आर्थोपेडिक डॉक्टर (Orthopaedic Doctor in Gurgaon) के अनुसार, साइटिका एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति (neurological condition) है, जिसमें साइटिक नर्व, जो शरीर की सबसे लंबी नस है, दबाव में आ जाती है। यह नस रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर कूल्हों(hip), जांघों (tigh)और पैरों (foot) तक जाती है। जब इस नस पर दबाव पड़ता है, तो इससे तेज दर्द (severe pain), झनझनाहट (tingling) या सुन्नता (numbness) महसूस हो सकती है।

साइटिका के प्रमुख कारण Sciatica Causes in Hindi

साइटिका के कई संभावित कारण (reasons for sciatica) हो सकते हैं। इनमें से कुछ कारण काफी सामान्य हैं, जबकि कुछ दुर्लभ मामलों में पाए जाते हैं। इसके कारणों में शामिल हो सकते हैं:

  1. हर्निएटेड डिस्क (Herniated Disc): यह स्थिति साइटिका का सबसे आम कारण है। रीढ़ की हड्डियों के बीच नरम कुशन (disc) होता है, जो झटकों को सहने में मदद करता है। जब यह डिस्क खिसक जाती है या टूट जाती है, तो यह साइटिक नर्व पर दबाव डाल सकती है।

  2. स्पाइनल स्टेनोसिस (Spinal Stenosis): यह रीढ़ की हड्डी में तंग जगह की समस्या है, जो नसों पर दबाव डालती है। यह उम्र के साथ बढ़ने वाली समस्या है और साइटिका के लक्षण पैदा कर सकती है।

  3. पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम (Piriformis Syndrome): कूल्हों की पिरिफॉर्मिस मांसपेशी तंग हो जाने पर साइटिक नर्व (sciatica nerve) को संकुचित (compress) कर सकती है। यह स्थिति अक्सर अधिक समय तक बैठने (prolong sitting) या गलत व्यायाम (wrong exercises) करने के कारण होती है।

  4. डिजेनेरेटिव डिस्क डिजीज (Degenerative Disc Disease): रीढ़ की डिस्क का कमजोर होना या घिस जाना, जो आमतौर पर बढ़ती उम्र के कारण होता है, साइटिका का कारण बन सकता है।

  5. गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव (hormonal changes) और वजन बढ़ने (weight gain) के कारण साइटिक नर्व पर दबाव पड़ सकता है, जिससे साइटिका के लक्षण हो सकते हैं।

  6. मोटापा (Obesity): अधिक वजन होने से रीढ़ की हड्डी और साइटिक नर्व पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो साइटिका का खतरा बढ़ा सकता है।

  7. गलत पोस्चर (Poor Posture): लंबे समय तक झुककर बैठना (slouching) या खड़े रहना (prolonged standing) रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है और साइटिका का कारण बन सकता है।

  8. ट्रॉमा या चोट (Injury or Trauma): कोई दुर्घटना, चोट, या गिरने के कारण साइटिक नर्व को नुकसान हो सकता है, जिससे साइटिका हो सकता है।

  9. लंबे समय तक बैठे रहना (Prolonged Sitting): ऑफिस जॉब या ऐसी गतिविधियां, जिनमें लंबे समय तक बैठना पड़ता है, साइटिका के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

  10. डायबिटीज (Diabetes): डायबिटीज साइटिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे साइटिका हो सकता है।

साइटिका के लक्षण Sciatica Disease Symptoms in Hindi

साइटिका के लक्षण (symptoms for sciatica) मुख्य रूप से साइटिक नर्व के प्रभावित हिस्से पर निर्भर करते हैं। इसके सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • निचली पीठ, कूल्हों और पैरों में तेज दर्द(Severe pain in lower back, hips and legs)

  • दर्द का एक पैर से नीचे तक फैलना(Pain spreading down one leg)

  • झनझनाहट या सुई चुभने जैसा महसूस होना(Tingling or pins and needles sensation)

  • पैरों या उंगलियों में सुन्नता या कमजोरी(Numbness or weakness in feet or fingers)

  • खड़े होने, चलने, या बैठने में कठिनाई(Difficulty standing, walking, or sitting)

  • लंबे समय तक बैठने पर दर्द का बढ़ जाना(Pain increases when sitting for a long time)

साइटिका के जोखिम कारक Risk Factors for Sciatica

कुछ कारक साइटिका के होने का खतरा बढ़ा सकते हैं:

  • आयु(Age): बढ़ती उम्र के साथ रीढ़ की हड्डी में बदलाव।

  • पेशे(Profession): ऐसे काम जिनमें भारी सामान उठाना या लंबे समय तक बैठना शामिल हो।

  • शारीरिक सक्रियता की कमी(Lack of Physical Activity): व्यायाम न करना रीढ़ की मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है।

साइटिका की रोकथाम (Prevention of Sciatica)

साइटिका जैसी समस्या से बचना संभव है, खासकर अगर आप पहले से जान लें कि किन आदतों या कारकों से यह समस्या हो सकती है। सही जीवनशैली अपनाकर और नियमित सावधानियां बरतकर इसे रोकना आसान हो सकता है।

  • सही पोस्चर अपनाएं (Maintain Proper Posture): सही पोस्चर अपनाना साइटिका की रोकथाम के लिए बहुत जरूरी है। जब आप काम कर रहे हों या बैठें हों , तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। कुर्सी पर बैठते समय पीठ को पूरी तरह से सपोर्ट दें और पैरों को ज़मीन पर सपाट रखें। इस तरह बैठने से आपकी रीढ़ पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, झुककर बैठने (slouching) से बचें, क्योंकि यह आपकी पीठ और साइटिक नर्व पर दबाव डाल सकता है, जिससे दर्द (pain) और समस्याएं बढ़ सकती हैं।

  • नियमित व्यायाम करें (Exercise Regularly): नियमित व्यायाम करना साइटिका की रोकथाम और इलाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कोर मसल्स को मजबूत (core muscle strengthening) करने के लिए योग (yoga), पिलाटेस (pilates), और बैक स्ट्रेंथेनिंग व्यायाम मददगार होते हैं। ये व्यायाम रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, जिससे साइटिका के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, नियमित स्ट्रेचिंग(regular strectching) से साइटिक नर्व और मांसपेशियों को लचीला बनाए रखा जा सकता है, जो दर्द और अकड़न को रोकने में सहायक है। साथ ही, ऐसे व्यायाम करें जो जांघ, कूल्हे और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करें, क्योंकि ये हिस्से रीढ़ की हड्डी और नर्व्स पर दबाव डाल सकते हैं। इन व्यायामों से न केवल दर्द में राहत मिलती है, बल्कि लंबे समय तक इस समस्या से बचाव भी होता है।

  • भारी सामान उठाने में सावधानी बरतें (Lift Heavy Objects Correctly): भारी सामान उठाते समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी है, क्योंकि गलत तरीके से सामान उठाने से साइटिका जैसी समस्या हो सकती है। सामान उठाने के दौरान हमेशा घुटनों को मोड़ें और अपनी पीठ को सीधा रखें। इससे रीढ़ की हड्डी पर कम दबाव पड़ेगा और मांसपेशियों पर अतिरिक्त तनाव नहीं आएगा। झुककर सामान उठाने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है, जिससे पीठ में दर्द (back pain) और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सही तरीके से सामान उठाने की आदत डालना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा।

  • वजन नियंत्रित रखें (Maintain a Healthy Weight): वजन को नियंत्रित रखना साइटिका से बचाव के लिए बेहद आवश्यक है। अधिक वजन होने से रीढ़ की हड्डी और आसपास की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो साइटिका के खतरे को बढ़ा सकता है। वजन को संतुलित (weight management) रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करें, जिसमें ताजे फल, सब्जियां, प्रोटीन और फाइबर शामिल हों। इसके अलावा, नियमित शारीरिक गतिविधि (regular physical activities), जैसे योग,(yoga) तेज़ चलना (brisk walk), या हल्के व्यायाम (light exercises), वजन को नियंत्रित(weight control) रखने में मदद कर सकते हैं। स्वस्थ वजन बनाए रखने से न केवल साइटिका बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है।

  • लंबे समय तक एक जगह न बैठें (Avoid Prolonged Sitting): लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहना साइटिक नर्व पर दबाव डाल सकता है, जिससे साइटिका का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप दिनभर बैठे रहकर काम करते हैं, तो हर 30-40 मिनट में उठकर थोड़ी देर चलने की आदत डालें। इससे न केवल नर्व्स पर दबाव कम होगा, बल्कि रक्त संचार (blood circulation) भी बेहतर होगा। मांसपेशियों को स्ट्रेच करना भी बहुत फायदेमंद है, क्योंकि यह उन्हें लचीला बनाए रखता है और किसी भी तरह की अकड़न (stiffness) को रोकने में मदद करता है। लंबे समय तक बैठने से बचने की यह आदत आपकी रीढ़ की हड्डी (spine) और साइटिक नर्व को स्वस्थ रखने में सहायक होगी।

  • आरामदायक जूते पहनें (Wear Comfortable Footwear): ऊंची एड़ी के जूते पहनने से बचें और ऐसे जूते चुनें जो रीढ़ और पैरों को अच्छा सपोर्ट दें।

  • तनाव प्रबंधन (Stress Management): तनाव का सही प्रबंधन करना साइटिका जैसी समस्याओं से बचाव के लिए बेहद जरूरी है। जब आप तनाव या मानसिक दबाव में होते हैं, तो शरीर की मांसपेशियां कठोर हो सकती हैं, जिससे साइटिक नर्व पर दबाव बढ़ सकता है। तनाव को कम करने के लिए ध्यान (meditation) और योग का अभ्यास करें, जो मांसपेशियों को आराम (muscles relaxation) प्रदान करता है। गहरी सांस लेने की तकनीक (deep breathing) भी तनाव को दूर करने में प्रभावी है, क्योंकि यह आपके नर्वस सिस्टम को शांत करती है। नियमित रूप से इन तकनीकों को अपनाकर न केवल तनाव को कम किया जा सकता है, बल्कि साइटिका जैसी समस्याओं से भी बचाव किया जा सकता है।

साइटिका के  दर्द का इलाज Sciatica Pain Treatment in Hindi

अगर साइटिका हो जाए, तो इसका सही और समय पर इलाज करना बेहद ज़रूरी है। इसके इलाज के विकल्प समस्या की गंभीरता और कारण (causes of sciatica pain) पर निर्भर करते हैं।

गृह उपचार (Home Therapy For Sciatica)

1. गर्म और ठंडा सेक (Hot and Cold Compress):

  • दर्द से राहत पाने के लिए गर्म पानी की बोतल या ठंडी पट्टी का इस्तेमाल करें।

  • पहले 48 घंटे में ठंडे सेक का उपयोग करें और फिर गर्म सेक करें।

  • आराम करें(Rest): प्रभावित हिस्से को ज्यादा मेहनत करने से बचाएं, लेकिन लंबे समय तक बेड रेस्ट न करें।

  • हल्का व्यायाम(Light Exercises): हल्की स्ट्रेचिंग और चलना दर्द को कम कर सकता है।

2. दवाइयां (Medications): साइटिका के दर्द को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाइयां एक त्वरित और प्रभावी उपाय हो सकती हैं। इनमें आमतौर पर दर्द निवारक दवाएं शामिल होती हैं, जो सूजन को कम करने और अस्थायी रूप से राहत प्रदान करने में मदद करती हैं। हालांकि, इन दवाइयों का उपयोग करते समय डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है, खासकर यदि आप अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं या किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं। ध्यान रखें कि ये दवाइयां केवल अस्थायी राहत देती हैं और समस्या का मूल कारण ठीक नहीं करतीं। इसलिए, दीर्घकालिक समाधान (long term solution) के लिए उचित उपचार योजना का पालन करना और विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

3. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy): फिजियोथेरेपी साइटिका के उपचार में एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प है। इसमें फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा बताए गए विशेष व्यायाम शामिल होते हैं, जो पीठ, कूल्हों और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इन व्यायामों से मांसपेशियों में लचीलापन आता है और साइटिक नर्व पर दबाव कम होता है। फिजियोथेरेपी न केवल दर्द को कम करने में सहायक होती है, बल्कि यह रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों की सामान्य कार्यक्षमता को बहाल (restore functionality) करने में भी मदद करती है। नियमित फिजियोथेरेपी से भविष्य में साइटिका के ख़तरे (sciatica risks) को भी कम किया जा सकता है।

4. स्ट्रेचिंग और योग (Stretching and Yoga)

  • कॉल्व पोज़ (Child's Pose), कैट-काऊ स्ट्रेच (Cat-Cow Stretch), और ब्रिज पोज़ (Bridge Pose): इन योगासनों से साइटिक नर्व पर दबाव कम होता है।

  • पिरिफॉर्मिस स्ट्रेच: कूल्हों की मांसपेशियों को लचीला बनाने के लिए यह स्ट्रेच उपयोगी है।

Medical Treatments

1. चिकित्सकीय इंजेक्शन (Medical Injections): यदि दर्द बहुत तीव्र हो और दवाएं मदद न करें, तो डॉक्टर साइटिक नर्व के पास कॉर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन(corticosteroid injection) दे सकते हैं। ये इंजेक्शन सूजन (swelling) और दर्द को कम (pain relief) करने में मदद करते हैं।

2. सर्जरी (Surgery): जब अन्य उपचार प्रभावी न हों, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

  • लमबर डिस्केक्टोमी (Lumbar Discectomy): हर्निएटेड डिस्क को हटाने के लिए यह सर्जरी की जाती है।

  • माइक्रोडिस्केक्टोमी(Microdiscectomy): यह सर्जरी माइक्रोस्कोप की मदद से की जाती है, जिससे साइटिक नर्व से दबाव हटाया जाता है।

डॉक्टर से कब संपर्क करें? When to Consult a Doctor?

  • यदि दर्द लंबे समय तक बना रहे और घरेलू उपाय काम न करें।

  • यदि पैरों में कमजोरी या सुन्नता महसूस हो।

  • मल-मूत्र पर नियंत्रण खोने जैसी समस्याएं।

  • यदि दर्द इतना गंभीर हो जाए कि यह रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा डाले।

निष्कर्ष

साइटिका (sciatica)को सही समय पर रोका और ठीक किया जा सकता है। रोकथाम के लिए सही पोस्चर, नियमित व्यायाम, और वजन का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। उपचार के लिए शुरुआती घरेलू उपाय से लेकर फिजियोथेरेपी और सर्जरी तक कई विकल्प उपलब्ध हैं। अगर लक्षण गंभीर हो, तो मिरेकल्स हेल्थकेयर में अपने नजदीकी ऑर्थो डॉक्टर (ortho doctor near you) से तुरंत सलाह लें। अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को अनदेखा न करें। आज ही अपॉइंटमेंट बुक करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें!

 


Comments

Post a comment