अर्थराइटिस के मरीजों की 10 गलतियां जो दर्द को और बढ़ा देती हैं
Summary
अर्थराइटिस (Arthritis) एक ऐसी समस्या है जिसमें जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द बना रहता है। ये समस्या उम्र बढ़ने के साथ ज़्यादा देखने को मिलती है, लेकिन आजकल बदलती लाइफस्टाइल और गलत आदतों की वजह से यह कम उम्र के लोगों को भी परेशान कर रही है। अगर आप अर्थराइटिस के मरीज हैं, तो सिर्फ दवाइयों से ही फायदा नहीं मिलेगा, बल्कि आपको अपनी रोज़मर्रा की आदतों पर भी ध्यान देना होगा। कई बार मरीज कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो उनके जोड़ों के दर्द (joint pain) को और भी बढ़ा देती हैं। चलिए जानते हैं कि अर्थराइटिस के मरीजों को किन-किन गलतियों से बचना चाहिए ताकि आप अपने जोड़ों के दर्द को कंट्रोल कर सकें और जीवन को आरामदायक बना सकें।
1. जोड़ों पर ज़्यादा दबाव डालना
अर्थराइटिस में पहले से ही जोड़ों पर तनाव होता है। अगर आप ज़्यादा वजन उठाते हैं, लगातार सीढ़ियां चढ़ते-उतरते हैं या लंबे समय तक खड़े रहते हैं, तो इससे आपके घुटनों और कमर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। डॉ. सुमित आनंद, गुड़गांव में मिरेकल के ऑर्थोपेडिस्ट (orthopedist in Gurgaon), अपोलो क्रैडल/स्पेक्ट्रा का कहना है कि “अर्थराइटिस के मरीजों को जोड़ों पर अनावश्यक दबाव डालने से बचना चाहिए। भारी वजन उठाना या लंबे समय तक खड़े रहना घुटनों और कमर की स्थिति को और खराब कर सकता है।”
क्या करें: कोशिश करें कि भारी काम करने से बचें और जरूरत पड़े तो किसी की मदद लें।
2. एक्सरसाइज न करना
कई मरीज सोचते हैं कि एक्सरसाइज करने से दर्द और बढ़ जाएगा, इसलिए वे पूरी तरह से आराम करने लगते हैं। लेकिन ये सबसे बड़ी गलती है। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, योगा, स्ट्रेचिंग और फिजियोथेरेपी (physiotherapy) से जोड़ों की लचक बनी रहती है और दर्द भी कम होता है।
क्या करें: रोज़ाना कम से कम 20-30 मिनट हल्की एक्सरसाइज जरूर करें।
3. वजन को कंट्रोल न करना
अधिक वजन आपके घुटनों और हड्डियों पर और ज़्यादा दबाव डालता है। इससे अर्थराइटिस का दर्द और बढ़ सकता है।
क्या करें: संतुलित डाइट लें, जंक फूड से बचें और अपने वजन को कंट्रोल में रखें।
4. दवाइयों को बीच में छोड़ देना
अक्सर मरीज थोड़े समय तक दवा खाने के बाद जब राहत महसूस करते हैं तो दवाइयां लेना बंद कर देते हैं। ऐसा करने से समस्या फिर से बढ़ सकती है।
क्या करें: हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें और बीच में खुद से दवा बंद करने की गलती न करें।
5. ठंडी जगह पर लंबे समय तक रहना
ठंड के मौसम में अर्थराइटिस के मरीजों को दर्द और अकड़न ज्यादा महसूस होती है। अगर आप ठंडी जगह पर बिना सुरक्षा के रहते हैं, तो ये परेशानी और बढ़ सकती है।
क्या करें: हमेशा अपने जोड़ों को गर्म रखें, हीट पैक का इस्तेमाल करें और सर्दी में शरीर को ढककर रखें।
6. गलत बैठने और खड़े होने की आदतें
लंबे समय तक टेढ़े-मेढ़े होकर बैठना या झुककर खड़े होना भी जोड़ों पर असर डालता है।
क्या करें: बैठते समय पीठ सीधी रखें और कोशिश करें कि लंबे समय तक एक ही पोजीशन में न रहें।
7. तनाव लेना
मानसिक तनाव भी अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ा सकता है। तनाव लेने से शरीर में सूजन की समस्या और ज्यादा हो जाती है।
क्या करें: मेडिटेशन, योग और रिलैक्सेशन तकनीक अपनाकर तनाव को कम करें।
8. घर पर खुद से इलाज करना
कई बार लोग दर्द होने पर घरेलू नुस्खे, तेल या बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना शुरू कर देते हैं। ये तरीका हमेशा सुरक्षित नहीं होता और कई बार नुकसान भी पहुंचा सकता है।
क्या करें: डॉक्टर से सलाह लिए बिना कोई भी दवा या इंजेक्शन इस्तेमाल न करें।
9. नींद की कमी
अच्छी नींद न लेने से शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों को आराम नहीं मिल पाता। इससे दर्द और सूजन बढ़ सकती है।
क्या करें: रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।
10. फिजियोथेरेपी को हल्के में लेना
कई मरीज सोचते हैं कि सिर्फ दवाइयां ही इलाज हैं। जबकि फिजियोथेरेपी अर्थराइटिस के लिए बहुत मददगार होती है। यह जोड़ों की मूवमेंट को बेहतर करती है और दर्द को कम करती है।
क्या करें: डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह से नियमित थेरेपी कराएं।
डॉक्टर से कब करें संपर्क
अर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण (arthritis symptoms) जैसे हल्का दर्द, सुबह उठने पर अकड़न या सूजन में थोड़ी बहुत दिक़्क़त आती है, तो अक्सर ये लाइफस्टाइल बदलाव, हल्की एक्सरसाइज और संतुलित वजन से ठीक हो सकते हैं। लेकिन अगर आपको ये लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
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दर्द लगातार बढ़ रहा हो और आराम न मिल रहा हो।
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जोड़ों में सूजन और लालिमा बनी रहे।
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चलने-फिरने या सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई हो।
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रोज़मर्रा के काम करने में परेशानी होने लगे।
अर्थराइटिस के ऐसे मामलों में समय पर गठिया का सही इलाज (arthritis treatment) लेना बहुत ज़रूरी है, वरना समस्या और गंभीर हो सकती है।
निष्कर्ष:
अर्थराइटिस के मरीजों को अपनी रोज़मर्रा की आदतों पर खास ध्यान देना चाहिए। भारी काम करना, दवाइयां छोड़ देना, एक्सरसाइज से दूर रहना और तनाव लेना, ये सब आपकी परेशानी को बढ़ा सकते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि डॉक्टर की सलाह का पालन करें, हल्की एक्सरसाइज करें, वजन नियंत्रित रखें और सही खानपान अपनाएं।
अगर जोड़ों का दर्द लगातार बढ़ रहा है या सामान्य इलाज से आराम नहीं मिल रहा है, तो तुरंत अपने आस-पास के सर्वश्रेष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और परामर्श लें । समय पर इलाज और सही देखभाल से जीवन आसान और दर्द-मुक्त बनाया जा सकता है।
Frequently Asked Questions
अर्थराइटिस पूरी तरह ठीक नहीं होता, लेकिन सही इलाज, लाइफस्टाइल बदलाव और समय पर डॉक्टर की देखरेख से दर्द और सूजन काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अर्थराइटिस में ज्यादा तेलीय, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, अधिक नमक और चीनी से बचना चाहिए और वजन नियंत्रित रखना चाहिए।
अर्थराइटिस का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, एमआरआई या अल्ट्रासाउंड जैसी जांच की जाती है। इसके अलावा, कभी-कभी जोड़ों के तरल का परीक्षण (joint fluid analysis) भी किया जाता है ताकि सूजन का कारण और सही प्रकार का अर्थराइटिस पता लगाया जा सके। यह जांच डॉक्टर को सही इलाज योजना बनाने में मदद करती है।
अर्थराइटिस मुख्य रूप से जोड़ों को प्रभावित करता है, जैसे घुटने, कूल्हा, हाथ और रीढ़।
घुटने के जोड़ गठिया (osteoarthritis) से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, खासकर उम्र बढ़ने पर।
हल्की वॉकिंग, योगा, स्ट्रेचिंग और पानी में व्यायाम अर्थराइटिस में लाभदायक होते हैं।
गुड़गांव में Miracles Healthcare में Dr. Sumit Anand, प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं जो अर्थराइटिस के इलाज में विशेषज्ञता रखते हैं। वे आधुनिक तकनीकों और व्यक्तिगत इलाज योजना के साथ मरीजों को बेहतर देखभाल प्रदान करते हैं, जिससे जोड़ों के दर्द और सूजन में असरदार सुधार होता है।
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