गॉल ब्लैडर स्टोन के संकेत और इलाज: डॉक्टर से जानिए कब है सर्जरी की जरूरत

Summary: गॉल ब्लैडर स्टोन (gallstones) यानी पित्त की पथरी एक आम लेकिन कई बार गंभीर समस्या है, जो पित्ताशय में छोटे-छोटे कठोर कणों के रूप में बनती है। इसके लक्षणों में पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द (severe pain in the upper abdomen), उल्टी (vomit), पाचन में परेशानी (indigestion), बुखार (fever) और कभी-कभी पीलिया (jaundice) शामिल हो सकते हैं। कई बार ये लक्षण अचानक और बहुत तीव्र होते हैं, जिससे रोगी को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। गॉल स्टोन के इलाज (gallstones treatment) के लिए सबसे आम विकल्प है लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसे मिनिमली इनवेसिव सर्जरी भी कहा जाता है। यह प्रक्रिया सुरक्षित, कम दर्द वाली और जल्दी रिकवरी देने वाली होती है। कुछ मामलों में, दवाओं और डाइट कंट्रोल से भी राहत मिल सकती है, खासकर जब पथरी छोटी हो और लक्षण हल्के हों।

Overview

गॉल ब्लैडर स्टोन (gallstones) यानी पित्त की थैली में पथरी आज एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। अक्सर लोग इसे मामूली पेट दर्द (stomach pain) समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन समय पर इलाज न होने पर ये समस्या गंभीर रूप ले सकती है। आइए जानते हैं गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण, कारण, और कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

गॉल ब्लैडर स्टोन क्या है? What are Gallstones?

गॉल ब्लैडर (gallbladder) यानी पित्त की थैली एक छोटा सा नाशपाती के आकार का अंग होता है जो हमारे लिवर  के ठीक नीचे स्थित होता है। इसका मुख्य कार्य होता है पित्त (bile) को इकट्ठा करना और जरूरत पड़ने पर इसे छोटी आंत में छोड़ना, जिससे भोजन में मौजूद वसा (फैट) को पचाने में मदद मिलती है। लेकिन कई बार पित्त में मौजूद तत्व जैसे कोलेस्ट्रॉल (cholesterol), बिलीरुबिन (bilirubin) या अन्य पदार्थ असंतुलित हो जाते हैं। जब इनकी मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है, तो यह जमने लगते हैं और धीरे-धीरे ठोस रूप ले लेते हैं। यही ठोस पदार्थ गॉलस्टोन (gallstone) यानी पित्त की पथरी कहलाते हैं। गॉल स्टोन का आकार बहुत अलग-अलग हो सकता है।  कुछ इतने छोटे होते हैं जैसे रेत का एक दाना, तो कुछ इतने बड़े हो सकते हैं जैसे एक गोल्फ बॉल। यह पथरियां एक ही व्यक्ति के गॉल ब्लैडर में एक से ज्यादा भी हो सकती हैं।

गॉल ब्लैडर स्टोन के सामान्य लक्षण Gallstones Symptoms in Hindi

कुछ लोगों में गॉल ब्लैडर स्टोन बिल्कुल silent यानी बिना किसी लक्षण के होते हैं और अचानक किसी जांच के दौरान पता चलते हैं। वहीं, कुछ मामलों में इसके लक्षण काफी तीव्र और तकलीफदेह हो सकते हैं। आइए जानते हैं गॉल स्टोन के ऐसे प्रमुख लक्षण जिन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:

1. पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक दर्द महसूस होना (Sudden pain in the upper right part of the abdomen)

यह सबसे आम और पहचानने योग्य लक्षण होता है। यह दर्द पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक शुरू होता है और इसकी तीव्रता बहुत ज्यादा हो सकती है। इसे अक्सर "गॉलब्लैडर अटैक (gallbladder attack)" कहा जाता है।

  • यह दर्द 30 मिनट से लेकर कई घंटों तक बना रह सकता है।

  • कई बार यह दर्द सीने के बीचों-बीच या दाहिनी पीठ और कंधे तक भी फैल जाता है।

  • यह दर्द अक्सर रात को ज्यादा होता है और नींद में खलल डालता है।

2. खाने के बाद दर्द बढ़ जाना (Pain increases after eating)

खासतौर पर जब आप ज्यादा तैलीय, मसालेदार या भारी भोजन करते हैं, तो गॉल ब्लैडर को पित्त छोड़ने में दिक्कत होती है। यदि पथरी बाइल फ्लो को रोकती है, तो भोजन के बाद दर्द और भी ज्यादा हो सकता है।

  • खाने के 1 से 2 घंटे के भीतर यह दर्द ज्यादा महसूस होता है।

  • कई बार मरीज खाने से डरने लगता है, जिससे वजन घटने लगता है।

3. जी मिचलाना और उल्टी (Nausea and vomiting)

गॉल स्टोन के कारण जब पाचन प्रक्रिया बाधित होती है, तो शरीर इस असंतुलन को संकेत देने की कोशिश करता है  जैसे:

  • लगातार जी मिचलाना, मतली और उल्टी आना।

  • कुछ मामलों में यह लक्षण भूख में कमी और कमजोरी का कारण भी बनते हैं।

4. पेट फूलना, गैस बनना और बदहजमी (Flatulence, gas and indigestion)

गॉल ब्लैडर में पथरी होने से शरीर में पित्त सही मात्रा में नहीं पहुंचता, जिससे फैट्स का पाचन सही तरीके से नहीं होता। इसका असर सीधा पाचन क्रिया पर पड़ता है:

  • पेट में फूलापन, भारीपन या असहजता।

  • गैस बनना और बार-बार डकार आना।

  • खाना खाने के बाद अत्यधिक अपच और पेट दर्द।

5. पीलिया (Jaundice)

अगर गॉल स्टोन बाइल डक्ट (पित्त नली) को पूरी तरह से ब्लॉक कर देता है, तो शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ जमा होने लगता है। यह स्थिति खतरनाक हो सकती है और तुरंत मेडिकल हस्तक्षेप की जरूरत होती है।

  • आंखों की सफेद भाग और त्वचा का पीला पड़ना।

  • पेशाब का रंग गहरा होना।

  • थकान और कमजोरी महसूस होना।

6. हल्का बुखार और कंपकंपी महसूस होना (Mild fever and chills)

गॉल ब्लैडर में पथरी होने के कारण अगर संक्रमण (infection) हो जाए, तो बुखार, कंपकंपी और थकावट जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यह स्थिति acute cholecystitis कहलाती है, जो एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है।

  • बुखार 100°F से अधिक हो सकता है।

  • कई बार बुखार के साथ तेज दर्द और उल्टी भी होती है।

  • शरीर में ठंड लगना, कांपना और घबराहट महसूस हो सकती है।

गॉल ब्लैडर स्टोन के मुख्य कारण Gallstone Causes in Hindi

गॉल स्टोन बनने के कई कारण हो सकते हैं:

1. अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार (High cholesterol diet): अगर आप ज्यादा तला-भुना, फैटी या जंक फूड खाते हैं, तो शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है जो गॉल स्टोन का कारण बन सकता है।

2. मोटापा या अचानक वजन में तेजी से कमी (Obesity or rapid weight loss): मोटे व्यक्तियों में पित्त में कोलेस्ट्रॉल अधिक मात्रा में बनता है। वहीं, अचानक और तेजी से वजन घटाने से भी पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।

3. महिला होना (Being a female): गर्भावस्था, हार्मोनल बदलाव, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, या मेनोपॉज जैसी स्थितियों में महिलाओं में गॉल स्टोन की संभावना अधिक होती है।

मिराकल्स अपोलो क्रेडल/स्पेक्ट्रा में गुड़गांव के सर्वश्रेष्ठ जनरल सर्जरी डॉक्टर (general surgery doctor in Gurgaon) डॉ. अनुभव सांगवान कहते हैं "गर्भवती महिलाओं और 40 की उम्र पार कर चुकी महिलाओं में गॉल स्टोन का खतरा अधिक होता है। नियमित हेल्थ चेकअप और अल्ट्रासाउंड से शुरुआती अवस्था में ही समस्या पकड़ी जा सकती है।"

4. परिवार में पथरी की हिस्ट्री (Family History of gallstones): अगर आपके परिवार में किसी को गॉल स्टोन की समस्या रही है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है।

5. उम्र का बढ़ना (Age): 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह समस्या अधिक पाई जाती है।

गॉल ब्लैडर स्टोन का इलाज (Gallstone Treatment)

1. दवाओं से इलाज (Medications)

छोटे स्टोन और बिना लक्षण वाले मामलों में दवाओं द्वारा पथरी को घोलने की कोशिश की जाती है। हालांकि यह प्रक्रिया लंबी होती है और हर केस में कारगर नहीं होती।

2. लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Cholecystectomy)

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी एक सुरक्षित और अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें गॉल ब्लैडर (Gallbladder) को शरीर से हटाया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद मरीज को आमतौर पर 1-2 दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है और रिकवरी भी तेजी से होती है।  इसमे छोटे-छोटे चीरे लगते हैं, जिससे दर्द कम होता है और संक्रमण का खतरा भी न्यूनतम रहता है। यह विधि पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम समय में बेहतर परिणाम देती है और मरीज जल्दी अपने रोज़मर्रा के कामों में लौट पाता है।

3. ओपन सर्जरी (Open Surgery)

अगर स्टोन बड़ा हो या इंफेक्शन गंभीर हो, तो ओपन सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।

गॉल ब्लैडर स्टोन को कब नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए? When should gallstones not be ignored?

नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी दिखे, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें:

  • लगातार पेट में दर्द

  • बुखार के साथ पेट दर्द

  • त्वचा या आंखों में पीलापन

  • लगातार उल्टी

  • गैस या बदहजमी की समस्या बनी रहना

निष्कर्ष:

गॉल ब्लैडर स्टोन (पित्त की पथरी) एक आम लेकिन गंभीर समस्या बन सकती है, अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए। बार-बार पेट दर्द, बदहजमी, जी मिचलाना, या पीलिया जैसे लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए यदि आपको इन लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो बिना देरी किए अपने नज़दीकी जनरल सर्जन (general surgeon near you) से पर परामर्श लें


Frequently Asked Questions

दर्द आमतौर पर पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में होता है और यह पीठ या कंधे तक भी फैल सकता है।

छोटे स्टोन दवाइयों से या जीवनशैली बदलाव से ठीक हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में सर्जरी की जरूरत होती है।

तेज पेट दर्द, खाने के बाद दर्द बढ़ना, जी मिचलाना, उल्टी, और पीलिया इसके आम लक्षण हैं।

अक्सर नहीं; बिना ऑपरेशन के पथरी खुद से निकलना मुश्किल होता है और सर्जरी ही मुख्य इलाज है।

यह पित्त के प्रवाह को रोक कर दर्द, सूजन, और संक्रमण जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।

लगातार दर्द, बुखार, पीलिया और उल्टी जैसे लक्षण गॉलब्लैडर खराब होने के संकेत हो सकते हैं।